एजेंसी/ नई दिल्ली। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने एक वीडियो जारी कर भारत में आतंक फैलाने की धमकी दी है। अरबी भाषा में जारी इस 22 मिनट के वीडियो में भारत से भागकर आईएस में शामिल हुए आतंकी से ही भारत को धमकी दिलवाई गई है। वीडियो में दिख रहे पांच भगोड़े आतंकी 2014 में इराक और सीरिया में जाकर आईएस में शामिल हो गए।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, वीडियो को शुक्रवार को ऑनलाइन किया गया। यह पहला ऐसा वीडियो है जिसमें भारत और दक्षिण एशिया के देशों को धमकी दी गई है।
वीडियो में महाराष्ट्र का फहाद तनवीर शेख दिख रहा है जो इंजीनियरिंग का छात्र रहा है और 2014 में अपने शहर के तीन युवकों के साथ सीरिया चला गया था। वीडियो में शेख ठाणे के अपने दोस्त शमीम टंकी को श्रृद्धाजंलि देते हुए दिखाई दे रहा जो पिछले वर्ष रक्का में हुए हवाई हमले के दौरान मारा गया था।
वहीं शेख के साथ भागकर सीरिया गया आरिब मजीद भागकर वापस भारत आ गया था जो इस वक्त एनआईए की हिरासत में है।
वीडियो में कई अन्य लोग भी है जिनकी पहचान होनी बाकि है, इनमें से एक को इंडियन मुजाहिद्दीन का सदस्य बताया जा रहा है जो पाकिस्तान से भागकर आईएस में शामिल हो गया था।
वीडियो में शेख आगे कहता है, ‘मैं कहता हूं कि आपके पास तीन विकल्प हैं: या तो इस्लाम कबूल कर लो, जजिया कर दो या फिर नरसंहार के लिए तैयार हो जाओ।’
वीडियो का ज्यादातर हिस्सा अरबी भाषा में शूट किया गया है। वीडियों में फवाद ही ऐसा शख्स है जिसकी सही पहचान हो पाई है और उसे अबू अम्र अल हिंदी का नाम दिया गया है।
वीडियो में शेख कहता है, ‘हम वापस आएंगे, लेकिन हाथ में तलवार लेकर। बाबरी मस्जिद, कश्मीर, गुजरात और मुजफ्फरनगर में मारे गए मुसलमानों का बदला लेने।’
आतंकी भारत और पाकिस्तान को ‘हिंद वल सिंध’ के नाम से बुलाते हैं। वीडियो की शुरुआत में मुहम्मद बिन कासिम का जिक्र कर उसे इस्लामी शासन का संस्थापक माना गया है।
वीडियो में भारत के लोगों को हिंदुओं के नाम से संबोधित कर उन्हें ‘गाय की पूजा’ करने वाला बताया गया है। जिहादी कहता है कि गाय की पूजा करने वाले ही मुंबई, गुजरात, असम और मुरादाबाद में मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा के जिम्मेदार हैं। वीडियो में 6 लोग एक साथ बैठे हुए दिख रहे हैं और जिहादी एन्थम गा रहे हैं।
वीडियो में भारतीय मुस्लिम राजनेताओं पर भी निशाना साधा गया है। औवेसी और बदरूद्दीन अजमल जैसे कई बड़े मुस्लिम नेताओं पर मुसलमानों के खिलाफ हुए अत्याचार को सहने का आरोप लगाया गया है।