POK से गोला-बारूद भेजने के लिए ISI कर रही फंडिंग, खुफिया इंटरसेप्ट से खुलासा
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद हौसलाबुलंद पाकिस्तान अब नई साजिश रचने में जुटा है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और सेना कश्मीर प्लान में लगी हुई हैं. सूत्रों के मुताबिक पिछले 10 दिन में भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने कई ऐसे इंटरसेप्ट पकड़े हैं जिससे ये पता लगा है कि पाकिस्तान के आतंकियों का प्लान कश्मीर में बड़े आतंकी हमले करने का है.
जम्मू कश्मीर के उरी में पकड़े गए आतंकी ऐसे ही हमलों की साजिश में लगे थे. सूत्रों के मुताबिक ड्रोन और ओवर ग्राउंड वर्कर के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की योजना भारी संख्या में गोला-बारूद कश्मीर में भेजने की है. जानकारी के मुताबिक पिछले एक साल में स्थानीय आतंकियों के पास हथियारों की कमी हो गई है जिसके चलते वे कोई बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए हैं.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक कश्मीर में मौजूद ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के जरिए आतंकियों तक हथियारों की खेप पहुंचाने की कोशिश में हैं. पिछले दिनों उरी सेक्टर से घुसपैठ की कोशिश में मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में पिस्टल और करीब 70 ग्रेनेड बरामद हुए थे. ये कश्मीर में हिंसा फैलाने के मकसद से LoC के पार से आतंकियों तक पहुंचाए जा रहे थे जिसे सेना ने समय रहते नाकाम कर दिया था.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक हर OGW को कम से कम 20 ग्रेनेड, 2 AK-47 और 4-5 पिस्टल देने की योजना बनाई गई है ताकि कश्मीर में आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा सके. खुफिया सूत्रों ने ये भी जानकारी दी है कि आतंकियों के पास हथियार पहुंचा कर उनके हैंडलर अनंतनाग, उरी, कुलगाम, पुलवामा सहित दूसरी जगह पर बड़े आतंकी हमले करने की योजना है. सूत्र बताते हैं कि सुरक्षाबलों के मूवमेंट की रेकी भी आतंकियों के ओजीडब्ल्यू ग्रुप करने में जुटे हुए हैं.
पाकिस्तान बॉर्डर के साथ-साथ कश्मीर में भी सर्दियों का मौसम शुरू हो, आतंकियों की योजना इससे पहले घुसपैठ करने की है. इसीलिए ISI ने अपने लीपा, Athmuqam, Dudhniyal और बतरासी जैसे फॉरवर्ड एरिया से आतंकियों की घुसपैठ करवाने की कोशिश में है. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक ISI ने आतंकियों के साथ मिलकर घुसपैठ का रूट तैयार किया है. सूत्रों ने ये भी बताया कि उरी सेक्टर के सामने POK में पांच से छह आतंकी कैंप का जिम्मा आईएसआई ने सेना के एक बड़े अधिकारी को दिया है. इस अधिकारी की मदद के लिए आईएसआई के दो अधिकारियों को भी तैनात किया गया है. आतंकियों को हथियार के साथ नशे की दवाएं भी दी जा रही हैं.