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ISIS के लिए भर्ती में जुटे ‘अमीर’ को हवाला के जरिये मिला था 8 लाख रुपये

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ 101631-nia-778 (1)नई दिल्‍ली: इस्लामिक स्टेट से कथित संबंधों को लेकर बीते दिनों गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकवादियों को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। इन गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में मुदब्बीर मुश्ताक शेख है जो आईएसआईएस की भारतीय इकाई जनूद-उल-खलीफा-ए-हिंद (भारत के खलीफा की सेना) का स्वयंभू ‘अमीर’ (प्रमुख) है। संगठन को खड़ा करने के पीछे मुख्य रूप से यही शख्स जिम्मेदार है। इससे पहले वैश्विक आतंकी संगठन ने उपमहाद्वीप में अपना आधार बनाने की कई बार कोशिशें की थी, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जांचकर्ताओं ने खुलासा किया है कि आईटी प्रोफेशनल मुदब्बीर मुश्ताक शेख (34) को हवाला के जरिये आईएसआईएस से 8 लाख रुपये मिले थे। शेख को बीते शुक्रवार को मुंब्रा के एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया था। शेख ने यह भी कहा कि उसने पैसे का दुरुपयोग नहीं किया और इसे बैठक आयोजित करने एवं भर्ती करने में खर्च किया। शेख को भारत में इस आतंकी संगठन के लिए भर्ती करने वाला प्रमुख शख्‍स बताया जा रहा है। अपने एक बयान में शेख ने यह दावा किया है कि उसने पैसे भर्ती हुए युवकों को भी दिए। 50,000 रुपये हुसैन खान को दिए, जिसे एनआईए ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया और तीन लाख लखनऊ में रहने वाले एक शख्‍स को दिए। उसने मुंबई और कुछ अन्‍य राज्‍यों में भी लोगों को पैसे दिए।

गौर हो कि हाल में देश के विभिन्न इलाकों में आतंकवाद के जिस मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है उसके सदस्य लगातार इस्लामिक स्टेट के खूंखार नेता अबु बकर अल बगदादी के करीबी समझे जाने वाले लोगों के संपर्क में थे और उन्हें गणतंत्र दिवस के पहले महत्वपूर्ण स्थानों पर विस्फोट करने के निर्देश प्राप्त हो रहे थे। गणतंत्र दिवस के पहले कथित तौर पर हमले करने की योजना बनाने के संदेह में एनआईए और अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने शुक्रवार और शनिवार को 14 लोगों को गिरफ्तार किया।

समझा जाता है कि शेख ने बगदादी के निर्देश पर ‘अमीर’ का खिताब हासिल किया। वह कुछ सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सक्रिय था। एक खेल कंपनी में प्रोड्क्ट डवलपमेंट मैनेजर शेख पर खुफिया एजेंसियां कई महीनों से नजर रख रही थीं। उसने तुर्की और सीरिया के रास्ते धन हासिल किया जिसके बाद उसे पकड़ लिया गया। सूत्रों ने बताया कि भारत में आतंकी समूह की स्थापना करने का मकसद बगदादी के ‘खलीफा शासन’ का विस्तार करना था। उन्होंने कहा कि हिरासत में उससे पूछताछ करने पर सुरक्षा एजेंसियों को संगठन की योजनाएं उजागर करने में मदद मिल सकती है। सूत्रों ने बताया कि कुछ ही समय में ही समूह ने कमान की एक पूरी श्रंखला स्थापित कर ली थी। शेख इसका अमीर बना, जबकि उत्तर प्रदेश के कुशी नगर का रहने वाला रिजवान अली इसका नायब अमीर (उप प्रमुख), मंगलोर निवासी नजमुल हूदा को इसका ‘अमीर-ए-असकरी’ (बटालियन कमांडर) बनाया गया और हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए बिहार निवासी मोहम्मद नफीस खान को इस समूह का ‘अमीर-ए-वयुलत’ (वित्तीय मामलों का प्रमुख) नियुक्त किया गया। एनआईए को विश्वसनीय सूचना मिली थी कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लैवेन्ट (आईएसआईएल) भारतीय युवाओं को कट्टर बनाने और उन्हें आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उकसा रहा है, जिसके बाद वर्ष 2015 में एजेंसी ने एक मामला दर्ज किया था। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लैवेन्ट (आईएसआईएल) को इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) या दावलह अल इस्लामिया फिल इराक वा-श शाम (डीएआईएसएच) के नाम से भी जाना जाता है।

एनआईए की प्राथमिकी में कहा गया है कि इस वजह से कुछ भारतीय नागरिक पहले ही इसमें शामिल हो चुके हैं या संघर्ष वाले क्षेत्र इराक, सीरिया और लीबिया में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन में शामिल होने की प्रक्रिया में है। आईएसआईएल भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में अपनी गतिविधियों का विस्तार करने पर विचार कर रहा है। इस मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को स्थानीय पुलिस के सहयोग से छह शहरों बेंगलुरु, तुमकुर, मंगलोर, हैदराबाद, मुंबई और लखनउ में एक साथ 12 स्थानों पर छापेमारी की गई जिसके बाद ये गिरफ्तारियां की गईं।

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