इस्लामिक स्टेट के समर्थक ऑनलाइन सपोर्ट के लिए इस्तेमाल कर रहे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:
नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के समर्थक इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरफ रुख कर रहे हैं ताकि उन्हें अधिक से अधिक ऑनलाइन सपोर्ट मिल सके। हाल ही में खबर आई है कि कुछ समय पहले रसियन कंसर्ट हॉल पर इस्लामिक स्टेट के अटैक के बाद एक व्यक्ति जो सैन्य ड्रेस में एक ऑनलाइन वीडियो में 140 लोगों के मारे जाने का जश्न मनाता हुआ दिखा था वो वास्तविक नहीं था बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा जेनरेटेड था। लंदन बेस्ड थिंक टैंक्स ने भी इस बात की पुष्टि की है।
आतंकवाद के मुद्दे से जुड़े मीडिया विशेषज्ञों ने कहा कि ये इस्लामिक स्टेट के एआई वीडियो इस बात के शुरुआती संकेत देते हैं कि एआई आतंकवादी समूहों को तेजी से दुष्प्रचार करने और सदस्यों की भर्ती करने में मदद कर रहा है और यहां तक कि इस्लामी कानून के तहत इस तकनीक के उपयोग पर आंतरिक बहस भी छिड़ गई है। इस्लामिक स्टेट अपने कुशल मीडिया ऑपरेशन के लिए जाना जाता है, जो हॉलीवुड स्तर के भर्ती वीडियो बनाता है जो युवाओं को आकर्षित करते हैं। एआई वीडियो जनरेटर अब इसे बहुत कम लागत पर ऐसी सामग्री बनाने की अनुमति देते हैं। अल-कायदा सहित कई इस्लामी आतंकवादी संगठनों ने गलत सूचना बनाने के लिए एआई चैटबॉट, इमेज जनरेटर और वॉयस क्लोनर्स का उपयोग करने में रुचि दिखाई है।