इजरायल ने भारतीयों के लिए खोले दरवाजे, 16,000 को दी नौकरी, हजारों अवसर अभी भी उपलब्ध

नई दिल्ली: इजरायल में हाल ही में हमास के आतंकी हमले के बाद से स्थिति काफी बदल गई है। इस हमले के कारण इजरायल ने फिलिस्तीन पर जोरदार हमला किया, जिससे वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। इस संकट के समय में, इजरायल में काम करने वाले भारतीय कामगारों की संख्या तेजी से बढ़ी है। फिलिस्तीन के कामगारों की जगह भारतीय कामगारों ने ले ली है। इजरायल सरकार का लक्ष्य अब भारतीय कामगारों की संख्या 50 हजार तक पहुंचाने का है।
इजरायल में भारतीय कामगारों की संख्या में बढ़ोतरी
इजरायल में फिलिस्तीन के कामगारों की कमी के कारण अब भारतीय कामगारों की संख्या में वृद्धि हुई है। इजरायल दूतावास के अनुसार, हमास के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से 10,000 से अधिक भारतीय कामगारों को रोजगार मिला है। इन भारतीय कामगारों को फिलिस्तीनियों के मुकाबले अधिक सैलरी मिल रही है।
कंस्ट्रक्शन और कृषि क्षेत्र में भारतीयों की बढ़ी संख्या
इजरायल में भारतीय कामगारों की मुख्यत: कंस्ट्रक्शन उद्योग में ज्यादा संख्या है, लेकिन अब वे कृषि और अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रहे हैं। इजरायल के राजदूत रूविन अजार ने कहा कि इजरायल में भारतीय कामगारों को भारत के मुकाबले तीन गुना ज्यादा सैलरी मिलती है। युद्ध से पहले मार्च 2023 में भारत और इजरायल के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें भारतीय कामगारों को इजरायल में काम करने का मौका दिया गया था। इस समझौते के बाद से भारतीय कामगारों की संख्या इजरायल में तेजी से बढ़ी है।
इजरायल में 50 हजार भारतीय कामगारों का लक्ष्य
रूविन अजार ने कहा कि इजरायल का लक्ष्य भारतीय कामगारों की संख्या को 50 हजार तक पहुंचाने का है। पिछले एक साल में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 16 हजार भारतीय इजरायल गए हैं, और अभी भी इजरायल को मैन पावर की भारी जरूरत है। इस तरह, इजरायल में भारतीय कामगारों की संख्या बढ़ने से न सिर्फ उनके लिए बेहतर अवसर बन रहे हैं, बल्कि इजरायल के लिए भी यह एक अहम बदलाव है, जो आर्थिक और निर्माण कार्यों में मददगार साबित हो रहा है।



