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इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष: इज़रायली पीएम ने गाजा के लोगों को दिया लालच, एक बंदी लाओ 38 करोड़ इनाम पाओ

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा के लोगों से कहा कि अगर वे गाजा में फंसे किसी बंधक को छुड़ा कर लाते हैं तो उन्‍हें न केवल 5 मिलियन डॉलर यानी (38 करोड़ रु ) का इनाम दिया जाएगा बल्कि उन्हें युद्धग्रस्त फिलिस्तीनी क्षेत्र से बाहर निकलने का रास्ता दिया जाएगा। नेतन्याहू ने मंगलवार को गाजा की संक्षिप्त यात्रा के दौरान इस इनाम की घोषणा की जहां उन्हें इजरायली सेना का नेत्ज़ारिम कॉरिडोर दिखाया गया। ये एक प्रमुख पहुंच मार्ग और बफर जोन है, जिसका निर्माण इजरायली सेना ने उत्तरी गाजा को दक्षिणी भाग से अलग करने के लिए किया है। नेतन्याहू ने कहा, “जो लोग इस उलझन से बाहर निकलना चाहते हैं, उनसे मैं कहता हूं: जो कोई भी हमारे पास बंधक लेकर आएगा, वह अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षित रास्ता खोज लेगा। हम हर बंधक के लिए 5 मिलियन डॉलर भी देंगे।” उन्होंने कहा, “चुनाव आपका है लेकिन परिणाम एक ही होगा: हम उन सभी को वापस लाएंगे।”

इजराइल का अनुमान है कि गाजा में उसके 101 बंदी अभी भी बचे हैं। हालांकि माना जाता है कि इनमें से एक तिहाई की मृत्यु हो चुकी है। नेतन्याहू की यह इनामी पेशकश ऐसे समय में आई है जब इजरायल में बंदियों के परिवारों और उनके समर्थकों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी है। वे मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री हमास के साथ युद्ध विराम समझौते पर पहुंचें, जिससे उनके प्रियजनों को रिहा किया जा सके।

नेतन्याहू ने बार-बार कहा है कि सभी बंदियों को मुक्त कराने के लिए सैन्य विकल्प ही एकमात्र रास्ता है और जब तक यह मकसद पूरा नहीं हो जाता, गाजा पर इजरायल का युद्ध जारी रहेगा। बंधकों के परिवारों ने नेतन्याहू सरकार पर युद्ध विराम समझौते पर पहुंचने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया है, जबकि नेतन्याहू के एक पूर्व सहयोगी को हमास के साथ पहले हुए युद्ध विराम समझौते को विफल करने के लिए विदेशी मीडिया को गोपनीय सामग्री लीक करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। विश्लेषकों का कहना है कि नेतन्याहू लगातार गाजा में लड़ाई के संभावित अंत की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि इससे उनकी दक्षिणपंथी और अति-राष्ट्रवादी सरकार के पतन की संभावना है, साथ ही 7 अक्टूबर को हमास के हमले से पहले नेतन्याहू और अन्य इजरायली अधिकारियों द्वारा सुरक्षा विफलताओं की आधिकारिक जांच शुरू हो सकती है। नेतन्याहू भ्रष्टाचार के मामले में भी जांच के दायरे में हैं।

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