गाजा को श्मशान बना गया इजरायल, मलबे से दो दिन में निकाली 200 लाशें ; सर्चिंग जारी
नई दिल्ली : इजरायल और हमास के बीच 15 महीनों से चली जंग बीते रविवार को सीजफायर के बाद रुक गई। महीनों चली इस जंग में सबसे ज्यादा नुकसान गाजावासियों को झेलना पड़ा। उनके अपने, रिश्तेदार, घर, अस्पताल, स्कूल सबकुछ खत्म हो गया। गाजा श्मशान का ढेर बन चुका है। इस जंग में कम से कम 47 हजार गाजावासियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इजरायली सेना गाजा में अपना हमला भले ही रोक चुकी है, लेकिन बर्बादी के निशान अभी भी गाजावासियों को रुला रहे हैं। स्टेट मीडिया ने एक बयान में कहा कि मलबे से दो दिन में 200 लाशें निकाली जा चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र ने क्षति का आंकलन करते हुए कहा कि गाजा में तबाही के निशान इतने गहरे और ज्यादा हैं कि मलबा हटाने में खरबों का खर्च आएगा और 21 साल लग जाएंगे।
इस बीच अभी भी इजरायल का वेस्ट बैंक के जेनिन में हमास के खिलाफ ऑपरेशन जारी है। इजरायल जेनिन को अपना हिस्सा बताता है और हमास की मौजूदगी को घुसपैठ। बीते दो दिन में यहां ऑपरेशन में 120 लोगों की जान जा चुकी है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि मरने वालों में कितने आतंकी और कितने आम नागरिक थे। बुधवार को कम से कम 10 फिलिस्तीनियों की जान चली गई।
हमास और इजराइल के बीच रविवार से प्रभावी हुए संघर्षविराम के बाद नागरिक सुरक्षा एजेंसी और चिकित्सा स्टाफ ने लगभग 200 शव बरामद किए हैं। गाजा के शिक्षा मंत्रालय युद्ध में लगभग 15000 स्कूली बच्चे और शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले 800 लोग मारे गए। मंत्रालय के अनुसार, इजरायली बमबारी से गाजा में 95 प्रतिशत शैक्षणिक संस्थान क्षतिग्रस्त हो गए तथा 85 प्रतिशत बंद हो गए।
इस महीने संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक क्षति आकलन रिपोर्ट में बताया गया है कि इजराइल की बमबारी के बाद बचे 50 मिलियन टन से अधिक मलबे को साफ करने में 21 साल का समय लग सकता है और इसकी लागत $1.2 बिलियन तक हो सकती है।
उधर, लेबनान में सीजफायर के बावजूद इजरायली सेना का हमला जारी है। लेबनान की नेशनल न्यूज एजेंसी के अनुसार, इजराइली सेना ने तायबे गांव में घरों को जलाने और नष्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह गांव सीमा के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। स्थानीय मीडिया आउटलेट्स ने पड़ोसी गांव कफर किला में एक बड़े धमाके की भी सूचना दी है, जिसे पूरे क्षेत्र में सुना गया। इजराइली सेना दक्षिणी लेबनान में प्रतिदिन हमले कर रही है। बता दें कि बीते 27 नवंबर को इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्षविराम लागू हुआ था।