गाजा पर बड़े हमले की तैयारी में इजरायल! UN ने दी विनाशकारी परिणाम की चेतावनी
नई दिल्ली: गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायली सैन्य कार्रवाई की संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर कड़ी आलोचना की है. यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का कहना है कि गाजा में मारे गए फिलिस्तीनियों की संख्या बहुत चिंताजनक है. केन्या की राजधानी नैरोबी में एक सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि रूस के हमले में यूक्रेन में पिछले दो सालों में जितने लोग नहीं मारे गए, उससे कही अधिक लोग पिछले कुछ महीने में गाजा में हताहत हुए हैं.
यूएन महासचिव ने रफाह में इजरायली सैन्य कार्रवाई को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि इससे भारी विनाश तय है. वहीं इस चेतावनी के बावजूद इजरायल दक्षिणी गाजा के रफाह में व्यापक पैमाने पर ऑपरेशन की लगातार धमकी दे रहा है. यदि इजरायल ने ऐसा कदम उठाया तो वहां पनाह लेने वाले लोगों पर इसका भयावह और विनाशकारी परिणाम दिखेगा. रफाह में गाजा की 22 लाख आबादी के आधे से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं.
बड़ी तादाद में लोग टेंटों और अस्थायी शेल्टर होम्स में रह रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, ”पिछले कुछ महीनों में गाजा में जितने नागरिक मारे गए, उतने नागरिक दो वर्षों के दौरान रूस-यूक्रेन हमले में भी नहीं मारे गए. ये संख्या करीब दो गुने से ज्यादा है.” इसी बीच अमेरिका ने अंदेशा जताया है कि इजरायल ने गाजा में जंग के दौरान अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल से कुछ मौकों पर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को तोड़ा है.
हालांकि अमेरिकी सरकार ने ये भी कहा है कि इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है. इसे लेकर अमेरिकी संसद में एक रिपोर्ट भी जमा हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि इजरायल ने पिछले साल से भेजे गए अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल किस तरह किया है. पिछले 7 अक्टूबर से गाजा में जारी इजरायली सैन्य कार्रवाई में अबतक करीब 35 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 80 हजार से ज्यादा घायल हुए हैं.
उधर, हमास की कैद से इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल की सरकार पर दबाब बढ़ता ही जा रहा है. हाल के दिनों में तेल अवीव में बंधकों के परिजन और दोस्त लगतार प्रदर्शन कर रहे हैं. लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इजरायल की सरकार से बंधकों को छुड़ाने के लिए हमास की ओर से दिए गए संघर्ष विराम प्रस्ताव को मानने की अपील की है. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों को डर है कि यदि युद्ध लंबा खिंचा तो ज्यादा बंधक मारे जाएंगे.
पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था, करीब आधे बंधकों को अब तक छोड़ चुका है, लेकिन अभी भी उसके कैद में 124 इजरायली हैं. तेल अवीव में प्रदर्शन कर रहे बंधकों के परिजनों और दोस्तों ने सरकारी दफ्तरों का घरेाव भी किया और ऑफिर के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया. लोगों ने पुलिस कार्रवाई का भी विरोध किया.
बताते चलें कि गाजा में सीजफायर को लेकर समझौते से इनकार करने के बाद हमास ने इजरायल को चेतावनी दी है. हमास ने साफ शब्दों में कहा कि यदि गाजा में इजरायल हमला जारी रखेगा तो कोई युद्धविराम नहीं होगा. हालांकि इससे पहले हमास ने अपना एक प्रतिनिधिमंडल काहिरा ज़रूर भेजा है, जिससे कि बातचीत का सिलसिला जारी रहे. हमास ने बंधकों की रिहाई के लिए सशर्त युद्धविराम पर अपनी सहमति दे दी थी. लेकिन इज़रायल पीछे हट गया.
हमास अधिकारी ओसामा हमदान ने इसके लिए सीधे तौर पर अमेरिका और इज़रायल को ज़िम्मेदार ठहराया. इसके साथ ही कहा कि अब गेंद उनके पाले में है. फैसला इजरायल को लेना है. हमास के आरोपों के बाद अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उसने कहा कि हमास ने ही युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. अमेरिका ने कहा कि काहिरा में CIA निदेशक विलियम बर्न्स की मौजूदगी में बंधकों की रिहाई और युद्धविराम पर बातचीत फिर से शुरू हुई है.
इस बीच इज़रायल का गाजा में हमले जारी है. रफाह में कई हवाई हमले किए. अब ज़मीनी हमले के लिए टैंक भी भेजने लगा. इससे पहले यहां के लोगों को रफाह खाली करने को भी कहा है. इस वजह से लोग फिर से पलायन को मजबूर हो गए हैं. वहीं अमेरिका का कहना है कि ये इज़रायल का सीमित ऑपरेशन प्रतीत होता है. इससे पहले इजरायल ने हमास की सीजफायर डील को मानने से इनकार कर दिया था. उसका कहना था कि डील उसकी मांगों से कोसों दूर है.