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इजरायल यूक्रेन को देगा हथियार तो ,रूस से इजरायल के संबंध खत्म -दिमित्री मेदवेदेव

मास्को : रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने इजरायल को यूक्रेन की मदद करने को लेकर चेतावनी दी है. दिमित्री ने कहा कि अगर इजरायल यूक्रेन को हथियार सप्लाई करेगा तो रूस और इजरायल के राजनयिक संबंध खत्म हो जाएंगे. मालूम हो कि दिमित्री मेदवेदेव मौजूदा समय में रूस की सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी चेयरमैन हैं और उन्हें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का मुख्य सहयोगी माना जाता है.

रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने टेलीग्राम ऐप पर लिखा कि, ‘ऐसा कहा जा रहा है कि इजरायल की ओर से यूक्रेन को हथियार भेजे जा रहे हैं. यह एक लापरवाह कदम है. यह कदम रूस और इजरायल के बीच सभी राजनयिक संबंधों को खत्म कर देगा.’

पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री का बयान ऐसे समय पर आया है, जब एक दिन पहले सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में रूस की ओर से ईरान मेड सुसाइड ड्रोन ‘शाहेद’ से अटैक किया गया था. इस हमले में एक यूक्रेनी की मौत हो गई. पिछले सप्ताह ही यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेनी नागरिकों को निशाना बनाने के लिए रूस ईरान मेड ड्रोन इस्तेमाल कर रहा है.

पिछले सप्ताह अंग्रेजी अखबर न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की एक प्राइवेट सिक्योरिटी फर्म यूक्रेन की युद्ध में मदद कर रही थी. साथ ही युद्ध की शुरुआत में वेस्टर्न यूक्रेन में फील्ड अस्पताल बनाने के लिए इजरायल ने लगातार 6 सप्ताह तक 100 टन से ज्यादा की मानवीय मदद भी की थी.

रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री का बयान इजरायल के एक मंत्री नाचमन शाई (Nachman Shai) के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने यूक्रेन को सैन्य मदद भेजने की बात कही थी.

इजरायल के मंत्री शाई ने ट्विटर पर लिखा कि, ‘आज सुबह यह खबर मिली है कि ईरान रूस को बैलिस्टिक मिसाइल भेज रहा है. अब इसमें कोई शक नहीं कि इस युद्ध में इजरायल को किस तरफ होना चाहिए. समय आ गया है कि अमेरिका और नाटो देशों की तरह हम भी यूक्रेन को सैन्य मदद भेजें.’

यूक्रेन की सैन्य मदद को लेकर इजरायल की ओर से कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है. रूस और यूक्रेन के युद्ध शुरू होने के बाद से ही यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें इजरायल की ओर से मदद मिले.

हालांकि, युद्ध के दौरान इजरायल की ओर से कई बार यूक्रेन में मानवीय मदद भेजी गई, लेकिन डिफेंस उपकरण और हथियारों की मदद से इजरायल ने लगातार बचने की कोशिश की. यूक्रेन खासतौर पर इजरायल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम की मदद चाहता है, जिससे वह रूस की एयर स्ट्राइकों को रोक सके. पिछले महीने जेलेंस्की ने कहा था कि इजरायल ने यूक्रेन को खुद की रक्षा करने के लिए मदद के तौर पर कुछ भी नहीं दिया.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि, ‘इजरायल ने हमें कुछ नहीं दिया. मैं समझता हूं कि वह भी सीरिया और रूस के साथ मुश्किल स्थिति में है. मैं समझता हूं कि उन्हें अपनी धरती को बचाने की जरूरत है. लेकिन इसी बीच मुझे जानकारी मिलती है कि इजरायल दूसरे देशों को एयर डिफेंस सिस्टम बेच रहा है. इसी वजह से मैं हैरान हूं.’

इजरायल यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम इसलिए भी नहीं देना चाहता है क्योंकि वह रूस की नाराजगी मोल लेने से बचने की कोशिश कर रहा है. सीरियन एयर स्पेस पर रूस का कब्जा है, जिसका इस्तेमाल इजरायल की एयरफोर्स ईरान के खिलाफ स्ट्राइक करने में करती है.

दरअसल, इजरायल ने जब-जब ईरान पर एयरस्ट्राइक की तो रूस ने दोनों देशों के संबंधों को बनाए रखने के लिए इस सबको हमेशा देखकर भी अनदेखा किया. लेकिन यूक्रेन से युद्ध में जब इजरायल की ओर से अलोचना हुई तो दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ने लगे.

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