अगर चंद्रयान-3 की चांद पर नहीं हो पाएगी लैडिंग, तो इसरो के पास प्लान बी तैयार
नई दिल्ली : इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ का कहना है कि यान पूरी तरह सुरक्षित (Safe) है और उम्मीद के मुताबिक आगे बढ़ रहा है। अगर चांद Moon पर लैंडिंग (landing) के वक्त किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो हमारे पास प्लान-बी (plan b) तैयार है। चंद्रयान 3 अपने चांद मिशन पर लगातार आगे बढ़ रहा है। यह चांद के हाईवे (ऑर्बिट) से होते हुए चांद के करीब पहुंच रहा है। इसरो ने उम्मीद जताई है कि 23 अगस्त की शाम यान अपने मिशन को पूरा कर लेगा। इसरो ने 5 अगस्त 2023 को चंद्रमा के ऑर्बिट में चंद्रयान-3 को पहुंचा दिया है। अब चंद्रयान-3 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से चांद के चारों तरफ यात्रा कर रहा है। ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसरो ने चंद्रयान-3 की मदद से चांद की कुछ तस्वीरें भी भेजी हैं। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ का कहना है कि यान पूरी तरह सुरक्षित है और उम्मीद के मुताबिक आगे बढ़ रहा है। अगर चांद पर लैंडिंग के वक्त किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो हमारे पास प्लान-बी तैयार है।
चंद्रयान-3 अपनी सफलता की तरफ लगातार आगे बढ़ रहा है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने दिल्ली में एक बयान में कहा कि यान उम्मीद के मुताबिक आगे बढ़ रहा है और यह पूरी तरह सुरक्षित है। अगर लैंडिंग के वक्त किसी भी तकनीकी कठिनाई उत्पन्न होती है तो ऐसी स्थिति में लैंडिंग करने का एक और मौका देने के लिए वैकल्पिक योजनाएं बनाई गई हैं। हमारा प्रयास यह है कि जिस स्थान पर लैडिंग की योजना बनाई गई है उसी जगह लैंडिंग हो।”
सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा के चारों ओर अंतरिक्ष यान की गति कम करके उसकी कक्षा को कम किया जा रहा है। चंद्रयान 3 ने 6 अगस्त को 170 किमी x 4,313 किमी की कक्षा में प्रवेश किया था। इसे 9 अगस्त को 100 किमी x 100 किमी की कक्षा में उतारा जाएगा। उसके बाद 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में उतरने और 23 अगस्त को 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र की सतह पर एक निश्चित स्थान पर लैंडिंग की जाएगी।
चंद्रयान-3 से चांद की कुछ तस्वीरें भी ली गई है। हर तस्वीर में बाएं तरफ गोल्डेन रंग का एक यंत्र दिख रहा है। यह चंद्रयान-3 का सोलर पैनल है। तस्वीर में सामने चंद्रमा की सतह और उसके गड्ढे को देखा जा सकता है। हर तस्वीर में यह बढ़ता ही जा रहा है।
चंद्रयान-3 की स्वीकृत लागत 250 करोड़ रुपये है। चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में इसे 14 जुलाई की लॉन्च तिथि से लगभग 33 दिन लगने की उम्मीद है। चंद्रमा की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग से भारत इतनी महत्वपूर्ण तकनीकी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। गौरतलब है कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को 14 जुलाई को 14:35 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, शार से एलवीएम-3 पर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।