शिक्षक भर्ती में आरक्षण का मुद्दा : यूपी में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण को लेकर शिक्षामंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण का मुद्दा गरमा रहा है। आरक्षण की मांग को लेकर युवा शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के एकत्र होने पर पुलिस ने मोर्चा संभाला है। हंगामे के बाद पुलिस प्रदर्शन करने वालों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन लेकर गई है। यहां भी प्रदर्शन जारी है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत अन्य नेताओं ने भी यूपी सरकार को आड़े हाथों लिया है।
आरोप यह है कि 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में ओबीसी आरक्षण के नियमों की अनदेखी की गई थी। आयोग के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने माना था कि इसमें चूक हुई है। बाद में इस वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की अलग से लिस्ट जारी करके सरकार ने भर्ती करने की बात कही। हाईकोर्ट ने सोमवार को निर्णय देते हुए 6800 अभ्यर्थियों की लिस्ट खारिज कर दी।
OBC वर्ग के इन अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार और अफसरों की तरफ से कोर्ट में लचर पैरवी की थी। इसका नतीजा यह हुआ कि निर्णय हमारे खिलाफ रहा। अब सरकार ढुल मूल रवैया अपना रही है। अभ्यर्थियों का कहना था कि हम शांतिपूर्ण तरीके से सुबह बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पर पहुंचे थे। हम मंत्री से मिलकर अपनी बात रखना चाह रहे थे। मंत्री संदीप सिंह भी हमारे ही यानी OBC वर्ग से ही जुड़े हैं। बावजूद इसके उन्होंने हम लोगों से मिलना भी मुनासिब नहीं समझा। हमें पहले यह बताया गया कि शिक्षा मंत्री वाराणसी में हैं और बाद में हमारे सामने दूसरे गेट से सुरक्षा गार्ड्स के मौजूदगी में वो निकल गए और हमारी बात सुनी तक नहीं।
एक अभ्यर्थी ने बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती के पीड़ित अभ्यर्थियों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं, सरकार 4 साल से एक भर्ती नहीं क्लियर करवा पा रही, महिलाएं शिक्षा मंत्री के आवास पर रो रही हैं, न्याय की गुहार लगा रही हैं। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा-ये है भाजपा सरकार में दलित-पिछड़ों के साथ हुए दुर्व्यवहार की दुखद गाथा। क्या यही ‘आज़ादी का अमृतकाल’ हैं जहाँ सहायक शिक्षिकाएं अपनी रोज़ी-रोटी की रक्षा के लिए सड़कों पर बिलख रही हैं। क्या ऐसे ही भारत बनेगा विश्वगुरु? अबकी बार, 69000 लाएँगे बदलाव।