दस्तक-विशेषराजनीतिसाहित्यस्तम्भ
पंचायतों, जिलों में समाज के स्तर पर उठाने के लिए कुछ उदाहरणस्वरूप मुद्दें और काम
- पंचायतों मे जमीन, जल, जंगल, जानवर, कृषि, गोपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य न्याय को क्रियाशील करना होगा।
- पंचायतों को सशक्त, स्वावलंबी बनाने के लिये 15 कि.मी. के व्यास के इलाके को एक पंचायत मानना और गतिविधियाँ करना। पंचायतों के चुनाव बहुमत से नहीं सर्वानुमति या सर्वसम्मति से हो।
- 127 कृषि पर्यावरणीय जलवायु प्रक्षेत्र में जिलों का तालमेल बैठाना।
- जिलों में बौद्धिक, रचनात्मक, आंदोलनात्मक आदि पहलुओं मे कार्यरत व्यक्तियों, समूहों, संगठनों को जिलास्तर पर गूंथना, एक टीम का स्वरुप देना।
- जिलों का Resource Atlus बनाना।
- सज्जनशक्ति का सम्मेलन (संगम) जिलों में आयोजित करना।
- प्राकृतिक खेती के किसी भी विधि का पंचायत मे इस्तेमाल हो, पंचस्तरीय बागवानी का श्रय लें, फलदार छायादार पेड़ लगें। अग्निहोत्र का प्रयोग हो।
- पंचायत स्तर पर गो-संवर्धन हो, गोपालन को लाभदायी बनाने के प्रयोग हों । 1 मनुष्य 1 गोवंश की दिशा मे प्रयास हों।
- सूचना प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण पंचायतों में हो। उसके अनुरूप पाठ्यक्रम हों।
- देशज ज्ञानपरंपरा पर आधारित चिकित्सा व्यवस्था को पंचायतों, जिलों में प्रोत्साहित किया जाय।
- हर पंचायत मे स्थानिक कारीगरी केन्द्र स्थापित हों।