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IT रिटर्न फॉर्म में हुए 4 बड़े बदलाव, नहीं जानने पर होगा बड़ा नुकसान

आयकर विभाग ने वेतनभोगियों के लिए सहज ITR-1 फार्म का नया फार्मेट अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया है. इसमें कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं. विभाग का उद्देश्य कर योग्य आय की पूरी जानकारी जुटाना है. इन जरूरी बदलावों में वेतन की जानकारी पूरे ब्रेकअप (भत्तों व अन्य मदों में मिलने वाली रकम का ब्योरा) के साथ देनी है. अन्य बदलावों में मकान किराए से आय और व्यापारियों के लिए जीएसटीएन के साथ टर्नओवर की जानकारी देना अनिवार्य बना दिया गया है.IT रिटर्न फॉर्म में हुए 4 बड़े बदलाव, नहीं जानने पर होगा बड़ा नुकसान

1- तीन करोड़ करदाता करते हैं सहज ITR-1 फार्म का इस्तेमाल
सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पांच अप्रैल को नया ITR फार्म नोटिफाई किया था, जिसमें से ITR-1 को अब https://www.incometaxindiaefiling.gov.in पर अपलोड कर दिया गया है. अन्य आईटीआर फार्म बाद में जारी किए जाएंगे. सहज ITR-1 फार्म का इस्तेमाल तीन करोड़ से अधिक करदाता करते हैं. 

2- कर योग्य आय की देनी होगी पूरी जानकारी
हर बार की तरह सहज ITR-1 की इस बार भी ई-फाइलिंग होगी. इसमें वेतनभोगियों को अपने वेतन के उन भत्तों, सुविधाओं और सेक्शन 16 के अंतर्गत ली गई कर छूट की जानकारी भरनी है जो कर के दायरे में आते हैं. एक आयकर अधिकारी ने बताया कि फार्म में यह बदलाव कटौती में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किए गए हैं. ये सभी जानकारी फार्म 16 में दर्ज होती हैं. इससे करदाता को रिटर्न फाइल करने में जरा भी दिक्कत नहीं होगी.

3- 50 लाख रुपए तक आय वाले भरेंगे ITR-1
बोर्ड का कहना है कि सहज ITR-1 फार्म 50 लाख रुपए तक की आमदनी वाले लोगों के लिए है. ये फार्म उन नागरिकों के लिए है जो एनओआर यानि नॉट आर्डिनेरिली रेजिडेंट के वर्ग से बाहर के हैं. इस फार्म में मकान या संपत्ति के किराए से आमदनी के लिए अलग से कॉलम है, जिसमें मकान मालिक व किराएदार का पैन देना अनिवार्य कर दिया गया है. इसमें जब से मकान या संपत्ति से किराया आ रहा है उसकी जानकारी भी देनी होगी.

4- होम लोन की स्पष्ट जानकारी मांगी
सहज ITR-1 फार्म में होम लोन पर वित्त वर्ष के दौरान कितना ब्याज भरा है उसकी जानकारी का अलग कॉलम दिया गया है. इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद क्या वार्षिक मूल्य शेष रहा, उसकी जानकारी भी मांगी गई है. टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि इन बदलावों के पीछे सरकार का उद्देश्य कर चोरी को रोकना है. करदाता की ओर से दी गई जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होने से आयकर विभाग को टैक्स की गणना करने में सहूलियत होगी.

 

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