चाय और कॉफी तंत्रिका प्रणाली को उत्तेजित करती हैं। इनसे शरीर में कुछ समय के लिए फुर्ती महसूस होती है लेकिन थोड़ी देर बाद शरीर में ऊर्जा का स्तर कम होने लगता है। इन पदार्थों का लंबे समय तक अधिक सेवन करने से स्टेमिना खत्म हो जाता है। कैफीन का सेवन रचनात्मकता को भी कम करता है। चाय या कॉफी सुबह खाली पेट पीना सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। अधिक चाय या कॉफी पीने से एसिडिटी की समस्या हो जाती है।
हर्बल चाय कैफीन का एक अच्छा वैकल्पिक पेय है। उसकी बहुत सी किस्में उपलब्ध होती हैं और उनका स्वाद भी चाय जैसा होता है। उचित मात्रा में काली मिर्च के साथ अदरक और धनिया वाली चाय तंत्रिका प्रणाली को उत्तेजित किए बिना आपको फूर्तीमान बना सकती है। तरबूज का जूस पीने से काफी ताकत मिलती है और साथ ही यह जूस मस्तिष्क को बहुत शांत रखता है।
रोजाना इसका सेवन करने से बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।लेकिन दमा के मरीजों और जिन्हें जल्दी सर्दी-जुकाम हो जाता है, उन लोगों को जूस में थोड़ा शहद या काली मिर्च मिला कर पीना चाहिए। यह तरबूज की शीतलकारी तासीर को काफी हद तक कम कर सकता है।