देहरादून : उत्तराखंड के प्रसिद्ध पवित्र धामों बदरीनाथ और केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद इन दोनों धामों में सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की तैनाती कर दी गई है। आइटीबीपी जवानों की एक- एक प्लाटून दोनों धामों में पहुंच गई हैं।
गत वर्ष केदारनाथ धाम के गर्भ गृह के स्वर्ण मंडित होने और दोनों धामों में मास्टर प्लान के तहत व्यापक स्तर पर चल रहे पुनर्निमाण कार्यों के कारण तमाम लोगों की वहां पर आवाजाही को देखते हुए बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सरकार से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पत्र लिखा था। उन्होंने धामों की विकट भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर आईटीबीपी को तैनात किए जाने की मांग की थी। इस पर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से आईटीबीपी की तैनाती का अनुरोध किया था।
प्रदेश सरकार के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने गत वर्ष से शीतकाल में धामों की सुरक्षा आइटीबीपी के जवानों को सौंप दी थी। इस वर्ष कपाट बंद होने के पश्चात प्रदेश सरकार ने धामों में आईटीबीपी की तैनाती का अनुरोध किया था। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने धामों में आईटीबीपी के जवानों की तैनाती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।
इनकी सुरक्षा भी महत्वपूर्ण हैं। अब तक धामों में लोकल पुलिस ही सुरक्षा को देखती आ रही है। जो कि अधिक बर्फबारी में लौट आती थी। लेकिन अब पूरे शीतकाल में हिमबीर धामों में तैनात रहेंगे। अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति के कुछ कर्मचारी भी धामों में रहेंगे।
ऐसी व्यवस्था की जा रही है। जिससे धामों में सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद आइटीबीपी की एक-एक प्लाटून दोनों धाम की सुरक्षा में लग गई है। इसमें प्लाटून कमांडर के साथ 30-30 जवान तैनात हैं।
बता दें कि बदरीनाथ चमोली जिले में आता है। जिसका काफी भूभाग चीन सीमा से सटा हुआ है। जहां घुसपैठ करने की भी कोशिश होने का डर लगा रहता है। बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल में बंद कर दिए जाते हैं। इसी तरह केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में है। यहां भी शीतकाल में कपाट बंद हो जाते हैं। जहां इन दिनों जमकर बर्फबारी होती है।