नई दिल्ली: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के साहस व शौर्य की हमेशा दाद दी जाती है। अब इस बल के छह जवानों ने लद्दाख में 20,177 फीट की ऊंचाई पर स्थित माउंट करजोक कांगड़ी पर चढ़ने में कामयाबी पाई है। पहली बार इस पर्वत चोटी पर कोई दल पहुंचा है। चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात रहने वाले इन जवानों ने ऊंचे बर्फीले पहाड़ पर फतह करके लोगों को हैरानी में डाल दिया है। पर्वतारोही कमांडेंट रतन सिंह सोनल के नेतृत्व में ITBP के 6 पर्वतारोहियों की टीम ने 20 फरवरी को लद्दाख में माउंट करजोक कांगड़ी की चोटी तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की है. यह पहली बार है जब कोई इस पर्वत की चोटी तक पहुंचा है।
माउंट करजोक कांगड़ी की चोटी पर मौसम काफी खराब रहता है। सर्दी के मौसम में वहां का तापमान माइनस 50 तक पहुंच जाता है। इन दिनों भी वहां का तापमान माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। यह पर्वत लद्दाख के पूर्वी हिस्से में रुपसू घाटी के ऊपरी छोर पर स्थित है। यहां हमेशा बर्फ की मोटी परत नजर आती है। इस पर्वत के तहत तीन चोटियां आती हैं, जिनकी ऊंचाई 6250 मीटर के करीब है। वहीं, माउंट करजोक कांगड़ी की ऊंचाई करीब 20,177 फीट है। आईटीबीपी की 6 लोगों की टीम ने पर्वतारोही कमांडेंट रतन सिंह सोनल के नेतृत्व में इस चोटी को फतह किया।
खास बात ये रही कि पूरी यात्रा के दौरान जवानों ने किसी विशेष पर्वतारोहण उपकरण और सपोर्ट सिस्टम का उपयोग नहीं किया। आईटीबीपी के मुताबिक वर्तमान समय में भी माउंट करजोक कांगड़ी की चोटी पर न्यूनतम तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे रहता है। माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल हिमालय क्षेत्र में अरुणाचल से लद्दाख तक पांच महीने के लंबे अभियान पर जाने वाली 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं की एक टीम का नेतृत्व करेंगी। पाल (66) ने कहा कि महिलाओं का 10 सदस्यीय समूह 8 मार्च 2022 को अरुणाचल प्रदेश से अपना अभियान शुरू करेगा और लगभग 4,625 किलोमीटर का सफर तय करेगा। इस दौरान यह समूह 17,320 फुट ऊंचे लामखागा दर्रे से भी गुजरेगा, जिसे सबसे मुश्किल दर्रों में शुमार किया जाता है।