नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़अब देश के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से मात दी। इसके साथ ही वह देश के 14वें उपराष्ट्रपति बने। जगदीप धनखड़ को जहां जहां 528 वोट मिले तो मार्गरेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले। 72 फीसदी वोट हासिल करके धनखड़ ने भाजपा और पीएम मोदी की सर्वोच्चता को स्थापित किया है। इसके साथ ही भाजपा अब राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर जैसे अहम पद पर अपने उम्मीदवार पहुंचाने में कामयाब रही है। 1997 के बाद से उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में यह सबसे बड़ी जीत है।
सर्वाधिक वोट से दर्ज की जीत उपराष्ट्रपति पद के लिए कुल 725 वैद्य वोट पड़े, जिसमे से 72.8 फीसदी वोट जगदीप धनखड़ के पक्ष में पड़े। 1997 के बाद से छह उपराष्ट्रपति चुनाव की बात करें तो धनखड़ ने सर्वाधिक मार्जिन से जीत दर्ज की है। इससे पहले केआर नारायणन ने सर्वाधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। उनके नाम सबसे बड़े अंतर से उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है। 1992 में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 7001 में 700 वोट केआर नारायरणन को मिले थे। वहीं जगदीप धनखड़ से पहले वेंकैया नायडू ने 2017 में 70 फीसदी वोट हासिल किए थे।
संघ से नहीं है नाता उपराष्ट्रपति पद के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया था और वह पहले ऐसे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं जिन्होंने संघ परिवार से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू नहीं की थी। कांग्रेस के मोहम्मद हामिद अंसारी ने 2007 में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में 762 वैद्य वोटों में से 60.51 फीसदी वोट हासिल किए थे। जबकि 2017 में वेंकैया नायडू ने कुल 760 वैद्य वोटों में से 67.89 फीसदी वोट हासिल किए थे।
बधाईयों का सिलसिला जगदीप धनखड़ की जीत के बाद विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा चूंकि अब चुनाव खत्म हो गए हैं, संविधान को सुरक्षित रखने, लोकतंत्र को मजबूत करने और संसद की मर्यादा को स्थापित करने की लड़ाई शुरू होगी। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बधाई देते हुए कहा देश को धनखड़ के लंबे अनुभव का लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीप धनखड़ से मुलाकात करके उन्हें बधाई दी। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी, उन्हें भी उपराष्ट्रपति को बधाई दी।