चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बयान से पंजाब में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। आम आदमी पार्टी तथा अकाली दल ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर घेरा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार को दावा किया था कि अमरिंदर सिंह को बदलने के बाद हाईकमान ने वोटिंग करवाई थी। उसमें सबसे अधिक 42 विधायकों ने जाखड़ के नाम पर सहमति जताई, सुखजिंदर सिंह रंधावा को 16, परनीत कौर को 12, नवजोत सिद्धू को 6 और मुख्यमंत्री चन्नी को मात्र दो विधायकों का समर्थन था। जाखड़ ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि वह पगड़ीधारी नहीं थे, इसलिए उन्हें सीएम नहीं बनाया गया।
जाखड़ के बयान पर आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी राघव चढ्ढा ने कहा कि कांग्रेस ने इस प्रदेश को फिर से हिंदू व सिख में बांटने का प्रयास किया है। दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट करके कहा कि कांग्रेस द्वारा पंजाब के लोगों से मुख्यमंत्री का चेहरा चुनने के लिए वोटिंग करवाई जा रही है। उसमें नवजोत सिद्धू व चरणजीत सिंह चन्नी का नाम शामिल किया गया। कांग्रेस ने सुनील जाखड़ का नाम शामिल क्यों नहीं किया।
इस बीच पता चला है कि छह फरवरी को राहुल गांधी पंजाब आ रहे हैं। इस दौरे में वह मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान की ओर से चलाए जा रहे अभियान के दौरान पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष राणा केपी, कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह, सुनील जाखड़ के अलावा कई विधायक और मंत्री खुलकर चरणजीत सिंह चन्नी के समर्थन में आ गए हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के रेस में चन्नी का पलड़ा भारी है। कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड के स्टार प्रचारकों की सूची में नवजोत सिद्धू को शामिल करने की बजाए चरणजीत सिंह चन्नी को शामिल किया है।
इस घमासान के बीच नवजोत सिद्धू जहां पिछले दो दिनों से चुप हैं, वहीं उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा है कि पंजाब का मुख्यमंत्री कोई भी बने, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। पति का बचाव करते हुए नवजोत कौर ने कहा कि वह लाखों रुपये प्रति घंटे की दर से कमाते रहे हैं। दोबारा मुंबई जाकर अपना काम कर लेंगे।