श्रीनगर। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष विराम समझौते के लाभांश के रूप में जम्मू-कश्मीर में पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पर्यटन शुरू करने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा है। दोनों देशों के डीजीएमओ द्वारा पिछले साल फरवरी में द्विपक्षीय युद्धविराम समझौते का सम्मान करने के फैसले से जम्मू-कश्मीर में एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के दोनों किनारों पर रहने वाले सैकड़ों लोगों के जीवन में सामान्य स्थिति आ गई है।
पिछले साल से कश्मीर में बड़ी संख्या में आगंतुक अब तक अनछुए स्थानों की यात्रा करने के लिए गहरी रुचि दिखा रहे हैं। सीमावर्ती जिलों कुपवाड़ा, बांदीपोरा और बारामूला में एलओसी पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पिछले साल सितंबर में रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय भट्ट ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक की थी।
बैठक के दौरान मंत्री ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों और अन्य हितधारकों को आश्वासन दिया कि मंत्रालय प्राथमिकता के आधार पर जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अगस्त 2021 में कुपवाड़ा जिले के बंगस घाटी में एक पर्यटन उत्सव आयोजित किया गया था, जहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश का पर्यटन विभाग और सेना दोनों बंगस घाटी जैसे दूरस्थ स्थानों की यात्रा की सुविधा प्रदान करेंगे।