मध्य प्रदेशराज्य

नए स्वरूप में जनकल्याण योजना संबल 2.0 का शुभारंभ

भोपाल: दुर्घटना, बीमारी या अन्य कारण से जवान बेटा या पति की मृत्यु हो जाए तो परिवार की हालत ऐसी हो जाती है कि उसे समझ में नहीं आता है कि कहां जाएं, क्या करें। ऐसे समय में सहारा देने के लिए संबल योजना बनाई थी लेकिन दुर्भाग्य से सरकार चली गई। कांग्रेस की कमल नाथ सरकार ने योजना बंद कर दी। जिन गरीबों का हमने पंजीयन किया था, उनके नाम निर्ममता से काटे दिए। अब हम फिर से योजना नए स्वरूप में प्रारंभ कर रहे हैं।

आनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल बना दिया है। संकट की घड़ी में भाजपा सरकार साथ खड़ी है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना संबल 2.0 का शुभारंभ करते हुए कही। इस दौरान 27 हजार 18 हितग्राहियों के खातों में 573 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संबल योजना में तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को भी शामिल कर रहे हैं। कांग्रेस ने जो अन्याय किया था, उसे हम खत्म करेंगे। 2018 के बाद जिनकी उम्र 18 साल की हो गई है वे सभी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसी सरकारी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है। आनलाइन आवेदन होगा। परीक्षण करके नाम जोड़े जाएंगे। ई-कार्ड बनाकर दिया जाएगा। उन्होंने विधायक, सांसद और कलेक्टरों से योजना का प्रचार करें। यह मानवीय योजना है। इसमें बहन को बेटा या बेटी को जन्म देने के पहले चार हजार और बाद में 12 हजार रुपये दिए जाएंगे ताकि वो आराम कर सके।

बच्चों की पढ़ाई निश्शुल्क होगी। मेडिकल, इंजीनियरिंग कालेज में प्रवेश पर पूरी फीस भजपा सरकार भरवाएगी। इलाज और बेटी के विवाह की चिंता भी हम करेंगे। अपंग होंगे पर एक से दो लाख रुपये, सामान्य मृत्यु पर दो लाख और असमय मृत्यु होने पर चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

योजना में अब यह भी परिवर्तन कर दिया है कि मृत्यु के प्रकरण में आवेदन 180 दिन तक किया जा सकता है। अभी इसके लिए 90 दिन निर्धारित थे। श्रमिकों के बच्चों के लिए चार श्रमोदय विद्यालय बनाए हैं। माडल आइटीआइ बना रहे हैं। इस दौरान उन्होंने शहडोल, पन्ना, झाबुआ, मंदसौर और सिंगरौली के हितग्राहियों से योजना को लेकर संवाद किया। श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने योजना के बारे में जानकारी दी।

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