नोएडा. प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को दुनिया के चौथे सबसे बड़े एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे। ग्रेटर नोएडा के जेवर में 29 हजार 650 करोड़ रुपये की लागत से 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनने जा रहा ये एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
जेवर एयरपोर्ट पर एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे। पहली फ्लाइट यहां से सितंबर 2024 में उड़ेगी। शुरुआत में जेवर एयरपोर्ट की सालाना क्षमता 9 करोड़ यात्रियों की होगी, जिसे साल 2050 तक 20 करोड़ किये जाने की योजना है। ये एयरपोर्ट पूरी तरह प्रदूषण से मुक्त होगा। एयरपोर्ट के पहले चरण के निर्माण पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा।
अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ शहरों के लोगों को एयरपोर्ट जाना हो तो वह कम से कम 2 घंटे के सफर के बाद दिल्ली पहुंचते हैं। जेवर में एयरपोर्ट बनने के बाद इन लोगों के लिए हवाई सफर और आसान हो जाएगा।