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झारखंड बजट 2024 : गांव, गरीब और किसान पर फोकस

-उदय चौहान

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 27 फरवरी को लगातार पांचवी बार झारखंड का बजट पेश किया। उन्होंने 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट पेश किया। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बजट का आकार 10.7 प्रतिशत बढ़ा है। बजट में सरकार ने गांव, ग्रामीण और किसानों पर फोकस किया है। किसानों की ऋणमाफी को 50 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। इस योजना में एनपीए खाताधारक किसानों को भी शामिल करने की घोषणा की गई है। कृषिमाफी योजना को छोड़ दिया जाय तो चुनावी वर्ष होने के बावजूद सरकार ने बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सड़क और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किसी बड़ी योजना की घोषणा नहीं की है। पुरानी योजनाओं और घोषणाओं को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

किसानों के हित में बड़ा फैसला
बजट में किसानों के हित का ख्याल रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऋण माफी की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख कर दी गई है। साथ ही एनपीए खाता धारक किसानों को भी इस योजना के तहत शामिल करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक करीब 3 लाख किसान इस दायरे में आएंगे। इतने परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

पहली बार बाल बजट पर फोकस
पहली बार राज्य सरकार ने बाल बजट तैयार किया है। हालांकि यह आम बजट का ही हिस्सा है। इसका मकसद है बच्चों के विकास के लिए समेकित प्रयास करना। इस साल आउटकम बजट की कुल 216 योजनाओं में से बच्चों से संबंधित करीब 80 योजनाओं के आधार पर बाल बजट तैयार किया गया है। इसके लिए 8,866.69 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

गरीबों के लिए अबुआ आवास पर जोर
बजट में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास पर विशेष जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ नहीं ले पाए गरीब परिवारों को पक्का मकान बनाने के लिए राज्य सरकार पांच किस्त में दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2 लाख, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 लाख 50 हजार और वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2 लाख 50 हजार यानी कुल 8 लाख परिवारों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन आवेदनों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सरकार अब 2024-25 से 2027-28 तक हर साल 4 लाख 50 हजार परिवारों यानी 20 लाख परिवारों को इसका लाभ देने की तैयारी कर रही है। इसके मद्देनजर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4,831.83 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री सर्वजन पेंशन योजना का दायरा बढ़ा
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सर्वजन पेंशन योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत 60 साल पूरे करने पर पेंशन दिया जाता है लेकिन अब दिव्यांग, आदिम जनजाति, निराश्रित महिलाओं, एचआईवी से ग्रसित मरीज, ट्रांसजेंडर्स के साथ-साथ 50 साल की आयु पूरी करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर सभी महिलाओं और एसटी-एससी जाति के लोगों को पेंशन का लाभ मिलेगा। इसके लिए बजट में 3,107.40 करोड़ का प्रावधान किया गया है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 23 लाख 50 हजार लाभार्थी लाभ उठा सकेंगे।

पुरानी पेंशन योजना का वित्तीय भार
कर्मियों के रिटायर होने पर उन्हें आर्थिक जोखिम से बचाने के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू है। इसका वित्तीय भार कम करने के दृष्टिकोष से वर्ष 2023-24 में लागू पेंशन कोष में वर्ष 2024-25 में 780 करोड़ रु के निवेश का प्रस्ताव है।

जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ेगा
राज्य सरकार ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। इसके तहत जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रमुख, उपप्रमुख, मुखिया, उपमुखिया, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्यों के मानदेय में बढ़ोतरी की है। करीब 12 वर्षों के बाद इनके मानदेय में इजाफा हुआ है। इजाफे की राशि 500 रुपये से 1000 रुपये तक अनुमानित है।

प्रखंड स्तर पर लीडर स्कूलों का संचालन
राज्य सरकार ने 325 प्रखंड स्तरीय लीडर स्कूलों का संचालन वर्ष 2024-25 में शुरु करने का लक्ष्य रखा है। अप्रैल माह से शैक्षणिक सत्र शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलवा 4,036 पंचायत स्तरीय विद्यालयों को अगले 2 वर्षों में आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। वित्तमंत्री ने बताया कि 2023-24 में पहली बार राज्य के 259 स्कूलों में मातृभाषा आधारित शिक्षण प्रक्रिया शुरु की गई थी। इसके सकारात्मक रुख को देखते हुए 2024-25 में राज्य के अन्य 7 जिलों के 1,000 प्रारंभिक स्कूलों में इसे लागू करने का लक्ष्य है। हालांकि प्रश्नकाल के दौरान झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि किसी भी स्कूल में मातृभाषा की पढ़ाई नहीं हो रही है।

उच्च और रोजगार आधारित शिक्षा पर जोर
इसके अलावा मानकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत डिप्लोमा स्तर पर 15 हजार रु प्रतिवर्ष और डिग्री स्तर पर 30 हजार रुपये प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता दिया जाएगा। विद्यार्थियों के आनलाइन शिक्षण को सक्षम बनाने के लिए राज्यव्यापी लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। विद्यार्थियों को रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग पर जोर दिया जाएगा। साथ ही बाजार मांग से जुड़ी रिटेल हॉस्पिटलिटी, फाइनांसियल सर्विसेस के लिए बीआईटी सिंदरी में स्टेट टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना होगी। इसके अलावा 15 डिग्री कॉलेज और 04 महिला कॉलेज खोलने की योजना है।

खाद्य सुरक्षा योजना का बढ़ेगा दायरा
राज्य सरकार ने राज्य खाद्य सुरक्षा के तहत 20 लाख लाभुकों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसे बढ़ाकर 25 लाख करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा जनवितरण प्रणाली के डीलरों को प्रति क्विंटल 100 रुपए मिलने वाले कमीशन को 150 रु. प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यही नहीं, खाद्य वितरण के लिए 2जी नेटवर्क पर आधारित पॉश मशीन सिस्टम को 4जी नेटवर्क में अपग्रेड किया जा रहा है।

पेयजल और सिंचाई योजना पर जोर
राज्य सरकार ने पीरटांड मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना और पटमदा लिफ्ट सिंचाई योजना शुरु करने का फैसला लिया है। पलामू में पेयजल और सिंचाई जल मुहैया कराने के लिए पलामू पाइपलाइन सिंचाई योजना के लिए लगभग 456.63 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। इससे पलामू के चैनपुर, डाल्टनगंज, सतबरवा, विश्रामपुर, छत्तरपुर, हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज जैसे क्षेत्र के किसान लाभान्वित होंगे।

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