Jharkhand : बिछ रही सियासी बिसात, संथाल और कोल्हान पर फोकस
झारखंड में आगामी लोकसभा और फिर उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। जहां एक ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से जनता के बीच जाकर अपनी पहुंच बढ़ाने में जुट गए हैं, वहीं दूसरी ओर सूबे की मुख्य विपक्षी दल भाजपा भी हर पंचायत में जाकर केंद्र सरकार की उपलब्धियां बताने को लेकर कार्यक्रम तय कर चुकी है। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने भी अपने जिलाध्यक्षों को टास्क थमा दिया है। सरकार के कार्यक्रमों को जनता को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो, इसके लिए अपने कार्यकर्ता को युद्धस्तर पर लगने का निर्देश दिया गया है। राजग और इंडिया गठबंधन की ओर से जीत की बिसात बिछने लगी है। जनता को लुभाने के लिए शह और मात का खेल शुरू हो चुका है।
एक तरफ खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोर्चा संभाल रखा है तो दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ताल ठोक रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर तल्ख होता जा रहा है। फिलहाल, झामुमो का गढ़ कहा जाने वाला संथाल राजनीति का अखाड़ा बन गया है। दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी दोनों संथाल समाज से आते हैं। फर्क इतना है कि एक तरफ हेमंत सोरेन अपने कोर वोट बैंक को संभालने के लिए योजनाओं की पोटली खोल रहे हैं तो दूसरी तरफ बाबूलाल मरांडी तथाकथित भ्रष्टाचार, जमीन लूट, महिला उत्पीड़न, बालू, शराब जैसे मुद्दों को जनता के बीच ले जाकर हेमंत सरकार की नाकामियां गिना रहे हैं। साथ ही केंद्र की उपलब्धियां बता रहे हैं। प्रदेश की कमान संभालते ही बाबूलाल मरांडी ने इसकी शुरुआत संकल्प यात्रा के रूप में उसी साहिबगंज के भोगनाडीह से की, जिसे झामुमो का गढ़ कहा जाता है। इसी क्षेत्र से हेमंत सोरेन चुनाव जीतकर सीएम बने हैं। खास बात है कि जैसे ही बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा 28 अक्टूबर को संपन्न हुई, सीएम ने अपनी विकास की गाड़ी चालू कर दी। उन्होंने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तीसरे चरण का शंखनाद अपने चुनाव क्षेत्र गोपलाडीह से कर दी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार आपके द्वार को जरिया बना रहे हैं। सरकार का दावा है कि 2021 में इस अभियान के पहले चरण के दौरान कुल 6,867 शिविर लगाकर 35.95 लाख आवेदन प्राप्त किये गये। साल 2022 में दूसरे चरण के दौरान 5,696 शिविर लगाकर 55.44 लाख आवेदन प्राप्त हुए। सरकार का दावा है कि करीब-करीब सभी आवेदनों का निष्पादन हो चुका है। मसलन, जाति, आय, जन्म, मृत्यु, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, वन पट्टा से जुड़े मामले, धोती-साड़ी योजना, कंबल वितरण, राशन और आधार कार्ड में सुधार, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, म्यूटेशन का लाभ लोगों को पहुंचाया गया है। इस दौरान हेमंत सरकार ने सबसे ज्यादा खासकर सर्वजन पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन और इंदिरा गांधी पेंशन के तहत 12.37 लाख लोगों को लाभ पहुंचाया है। साथ ही सर्वजन पेंशन योजना से 22.41 लाख लाभुकों को जोड़ा जा चुका है। अब सरकार द्वारा आपके द्वार कार्यक्रम के तीसरे चरण में 24 नवंबर 2023 से 26 दिसंबर 2023 तक सभी जिलों में शिविर लगाकर बचे हुए जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाने की कवायद शुरु कर दी गई है। गौर करने वाली बात है कि इन योजनाओं का सीधा लाभ आम लोगों को होता है। कहा जा रहा है कि झामुमो अपने कोर वोट बैंक को सलीके से साध रही है। यही नहीं, हेमंत सरकार मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना और मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना को जन-जन तक पहुंचाकर अपनी पैठ मजबूत बना रही है।
वहीं दूसरी ओर, भाजपा विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से लोगों के बीच पहुंचने की कोशिश में लग गयी है। एक तरफ मुख्यमंत्री सक्रिय हो गये हैं तो दूसरी तरफ भाजपा ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के काट के तौर पर भाजपा ने विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू की है। पहले चरण में झारखंड के 9 जिले शामिल थे। दूसरे चरण में 3 दिसंबर से 26 जनवरी तक मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जनता को रुबरु कराया जाएगा। इसको सफल बनाने की जिम्मेदारी भाजपा के सभी सांसदों और प्रदेश पदाधिकारियों को सौंपी गई है।
संथाल की 18 में 9 और कोल्हान की 14 में से 11 सीटें झामुमो के पास
विधानसभा चुनाव 2019 में झामुमो ने संथाल परगना की 18 में से सात एसटी आरक्षित और दो अनारक्षित सीटें जीतकर अपना दम दिखाया था। शेष 9 सीटों में पांच कांग्रेस और 4 भाजपा के पास हैं। संथाल से कहीं ज्यादा झामुमो ने कोल्हान क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की थी। कोल्हान की 14 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर झामुमो ने कब्जा किया था। इनमें बहरागोड़ा और जुगसलाई छोड़कर शेष 9 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। संथाल परगना में भाजपा ने चार सीटें जीतकर किसी तरह अपनी प्रतिष्टा बचायी। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा पूरी तरह साफ हो गयी थी। ल्ल