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जेहाद से फ्रांस बनेगा मुस्लिम देश, पूरी दुनिया में होगा इस्‍लामिक राज – मौलाना अबु तकी अल-दिन-अल दारी

पेरिस : फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो देश की स्थिति पर दिन रात मीटिंग करने में लगे हुए हैं। कई इमरजेंसी मीटिंग्‍स के बाद भी हालात को कैसे काबू में किया जाए, इस पर कोई नतीजा नहीं निकल सका है। वहीं कुछ विशेषज्ञों ने इन पूरे हालातों के लिए उन मुसलमान शरणार्थियों को जिम्‍मेदार ठहराया है जो कई इस्‍लामिक देशों से आकर वहां पर बस गए हैं। संकट को बयां करने वाला ऐसा ही वीडियो ट्विटर पर शेयर हो रहा है। एक फलस्‍तीनी मौलाना का यह वीडियो काफी डराने वाला है। वीडियो में उन्‍हें कहते हुए सुना जा सकता है कि एक दिन फ्रांस भी एक मुसलमान देश होगा। साथ ही उन्‍होंने इस वीडियो में जेहाद का जिक्र भी किया है।

फलस्‍तीन के मौलाना अबु तकी अल-दिन-अल दारी का यह वीडियो 12 मार्च 2019 का है। वह अल अक्‍सा मस्जिद में मुसलमानों को संबोधित कर रहे हैं और एक तरह से यूरोप को धमका रहे हैं। उनका कहना था कि जर्मनी और फ्रांस के लोग बूढ़े होने लगे हैं। वहां के युवा विवाह को जरूरी नहीं मानते हैं। यहां के युवा मुसलमानों से अलग विवाह से कन्‍नी काटने लगे हैं।

उन्‍हें कहते हुए सुना जा सकता है, ‘ऐसा कहा गया है कि साल 2050 तक फ्रांस में बसे मुसलमान फ्रेंच नागरिकों की संख्‍या से भी आगे निकल जाएंगे। लेकिन हमें फ्रांस को इस्‍लामिक देश में बदलने के लिए सिर्फ इन्‍हीं नंबरों पर निर्भर नहीं रहना होगा। हमें इस बात पर भरोसा है कि मुसलमानों के पास अपना एक देश होना ही चाहिए जो अल्‍लाह के लिए जेहाद के जरिए पश्चिमी देशों के लोगों तक इस्‍लाम को लेकर आए।’ जब लोगों को इस्‍लाम का सही रूप, उसकी दया, उसका निर्देश और रोशनी दिखेगी, वह अपने आप ही इस्‍लाम अपना लेंगे।’

इसके बाद उन्‍होंने आगे कहा, ‘सिर्फ 400 साल ही हुए हैं जब ओटोमान साम्राज्‍य था और मुसलमानों ने ऑस्ट्रिया और पोलैंड पर फतह हासिल की थी। इस्‍लामिक राज विएना की दिवारों तक पहुंच गया था जो ऑस्ट्रिया की राजधानी है। इसके बाद यहां से अजान के लिए आवाज लगाई गई। सोवियत संघ के सभी पूर्व देश और काकेशस भी इस्‍लामिक शासन के तहत थे। फिर और क्‍या चाहिए। सन् 1644 तक चीन पर भी मुस्लिम मंगोलों का राज था। सन् 1526 में हंगरी को जीता और इसके बाद 1586 तक भारत में भी इस्‍लाम राज था।’

उनका कहना था कि ये सारे उदाहरण यह बताने के लिए काफी हैं कि एक इस्‍लामिक देश संभव है। मगर इसके लिए पहले की तरह बनना होगा, इस्‍लाम को फैलाना होगा और अल्‍लाह की इच्‍छा के मुताबिक ही काम करना होगा। इस तरह से इस्‍लाम पूरी दुनिया में फैलता जाएगा। उन्‍होंने इस्‍लाम को फैलाने के तीन तरीके भी बताए। इन तरीकों में पहला था इस्‍लाम में धर्म परिवर्तन करना, इसके अलावा जजिया टैक्‍स या फिर लोगों को अल्‍लाह की मदद के लिए लड़ने की अपील करना शामिल था। इसके बिना दुनिया में इस्‍लाम का शासन नहीं हो पाएगा।

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