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J&k: उप राज्यपाल ने प्रत्येक नागरिक के लिए लिए मास्क की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ दी है। प्रदेश के लोगों को संक्रमण से बचाने व वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन अब हर नागरिक के लिए मास्क पहनना सुनिश्चित बनाएगा। वीरवार रात राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में उप राज्यपाल जीसी मुर्मू ने अधिकारियों को प्रत्येक नागरिक के लिए लिए मास्क की उपलब्धत को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ प्रत्येक अस्पतालों और आम लोगों की ज्यादा आवाजाही वाले सभी कार्यालयों में डिसइंफेक्शन टनल (विषाणुनाशक सुरंग) स्थापित के आदेश भी दिए। मुर्मू ने पूरे देश के लिए संकट का कारण बने दिल्ली से लौटे तब्लीगी जमात से जुड़े सभी लोगों को जल्द तलाश कर उनसे जुड़े शत प्रतिशत लोगों की स्क्रीनिंग और क्वारंटाइन प्रकिया को सुनिश्चित बनाने के निर्देश भी दिए।

जानकारी के अनुसार, जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस के संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों से उत्पन्न हालात और इस महामारी के खिलाफ अपनाए जा रही रणनीति का जायजा लेने के लिए उपराज्यपाल मुर्मु ने एक बैठक बुलाई। रात पौने ग्यारह बजे तक चली बैठक में मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, वित्तायुक्त वित्त विभाग अरुण कुमार मेहता, वित्तायुक्त स्वास्थ्य विभाग अटल डुल्लू व अन्य प्रशासकीय सचिवों ने भाग लिया।

बैठक में मुर्मू ने लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए एक नियमित अभियान चलाने का निर्देश देते कहा कि संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए यह जरुरी है। इसके लिए मजहबी व सामाजिक नेताओं के साथ पंचायत व शहरी निकायों के प्रतिनिधियों की सेवाएं लें।

उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए आयुर्वेदिक औषधियों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।उन्होंने सीडी अस्पताल में स्थापित की गई डिसइंफेक्शन टनल का जिक्र करते हुए आवास एवं शहरी विकास विभाग को पूरे प्रदेश में सभी अस्पतालों में प्राथमिकता के आधार पर इन्हें स्थापित करने के लिए कहा। उपराज्यपाल ने कहा कि इन्हें सभी महत्वपूर्ण कार्यालयों व सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित किया जाए।

कोविड-19 से निपटने में जुटे लोगों का डाटा बेस बनेगा :

उपराज्यपाल ने राहत कार्यो में जुटे सभी वालंटियरों का एक डाटा बेस तैयार करने पर जोर दिया, ताकि कोविड-19 से निपटने की प्रक्रिया में इन्हें शामिल करने से पहले इनकी ट्रेनिंग को सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने सभी वृद्धाश्रमों, बाल सुधार गृहों और बाल आश्रमों की मैपिंग करते हुए उनमें पर्याप्त मदद पहुंचाने के साथ उनमें रहने वालों की नियमित स्वास्थ्य जांच को यकीनी बनाने को कहा। उन्होंने लॉकडाउन से प्रभावित बाहरी राज्यों के श्रमिकों के कैंपों में नियमित जांच के लिए डाक्टरों का दल भेजने और श्रम विभाग को इन श्रमिकों का डाटाबेस तैयार करने को कहा, ताकि लॉकडाउन के बाद इन सभी को उनके घरों में भेजन की व्यवस्था की जा सके।

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