लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि हर घर में कम से कम एक युवा नौकरीशुदा जरूर हो। इसके लिए सरकार एक नया नियामक आयोग बनाने की तैयारी में है। रोजगार की गारंटी वाले इस प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए सरकार संवैधानिक संस्था के रूप में रोजगार आयोग का गठन करने पर विचार कर रही है। इस आयोग के मुखिया रोजगार आयुक्त होंगे। उनका पद मुख्य सचिव के समतुल्य होगा। रोजगार एवं प्रशिक्षण, उद्यिमता विकास, कौशल सुधार, मनरेगा और अलग-अलग विभागों द्वारा कौशल विकास के लिए जारी प्रशिक्षण एवं स्वरोजगार के कार्यक्रम इस आयोग के अधीन होंगे।
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रोजगार आयुक्त इन सभी विभागों के लिए समन्वयक का काम करेंगे। उन्हें यह अधिकार होगा कि वह रोजगार व कौशल प्रशिक्षण से संबंधित निर्देश किसी सरकारी विभाग, निजी संस्था, उद्योग या कंपनी को दे सकेगा। इसमें सरकारी सेवा से लेकर गैरसरकारी और निजी क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार शामिल हैं। निजी क्षेत्र में देश और विदेश में उपलब्ध रोजगार के मौके उप्र के युवाओं को उपलब्ध हों, इसके लिए सरकार उनको प्रशिक्षण भी देगी। प्रस्तावित आयोग प्रदेश में उपलब्ध होने वाले रोजगार के सभी अवसरों पर नजर रखेगा। साथ ही यह भी तय कराएगा कि नियुक्तियां पूरी पारदर्शिता से हों।
उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण, प्रशिक्षण के बाद नौकरी या स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को बैंकर्स से समन्वय स्थापित कर सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण दिलाया जाएगा। विभिन्न देशों के दूतावासों से संपर्क कर वहां उपलब्ध रोजगार के अवसरों के लिए आयोग रोजगार मेलों का भी आयोजन कराएगा।
मनरेगा के तहत जिस तरह सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिन रोजगार की गारंटी देती है, उसी तरह की गारंटी शहरों और कस्बों में रहने वाले हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की होगी। इसके पदेन अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री होंगे। लॉकडाउन के दौरान जब दूसरे प्रदेशों से युवा आए, तब सरकार ने सभी जिलों में स्किल मैङ्क्षपग कराई। उसी दौरान योगी ने रोजगार आयोग के गठन की बात कही थी। अब इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। विकास कार्यों को रफ्तार देने का वादा कर चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब रोजगार देने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।
पिछले दिनों खाली पदों पर भर्तियों के लिए विभिन्न बोर्ड और आयोगों के साथ बैठक करने के बाद सरकार ने सरकारी विभागों में खाली पदों का आंकड़ा खंगालना शुरू कर दिया है। सितंबर तक 1,19,608 खाली पदों का ब्योरा जुटाया जा चुका है। लगभग इतने ही पदों पर पदोन्नति भी लंबित है। भर्ती और पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश योगी ने दे दिए हैं।
उत्तर प्रदेश में विभिन्न मुद्दों के साथ विपक्षी दल बेरोजगारी का मुद्दा भी उठा रहे हैं। इसके जवाब में योगी सरकार ने सरकारी विभागों में भर्तियों के चौतरफा रास्ते खोल दिए हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने भर्ती बोर्ड और आयोगों के प्रमुखों के साथ बैठक की। सभी विभागों में खाली पदों का ब्योरा जुटाने के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में अब तक विभागों ने खाली पदों का ब्योरा जुटाकर सरकार को भेजा है।
उत्तर प्रदेश में कितने पद हैं खाली
सीधी भर्ती के खाली पद : 119608
इतने पदों पर होनी है पदोन्नति : 31477
आयोग में लंबित रिक्तियां : 26151
प्रमुख विभागों में खाली पद
राजस्व : 20554, परिवहन : 16652, पंचायती राज : 10517, लोक निर्माण : 5534, समाज कल्याण : 2503, खाद्य एवं रसद : 2460, गृह : 2362, आवास : 2183, स्टांप पंजीयन : 3180, कारागार प्रशासन एवं सुधार: 5141
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