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जॉनसन एंड जॉनसन टैल्कम पाउडर कैंसर मामले में पीड़ितों को 8.9 अरब डॉलर देने को तैयार

नई दिल्ली : अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन उन हजारों लोगों को 8.9 अरब डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हो गया है, जिन्होंने कंपनी के टैल्कम पाउडर से कैंसर होने का आरोप लगाया है। जॉनसन एंड जॉनसन महिलाओं के करीब 38000 मुकदमों का सामना कर रही है, जिसमें उस पर आरोप है कि उसके प्रोडक्ट में एस्बेस्टस है और उसकी वजह से उन महिलाओं को ओवरी कैंसर हो गया। एक बयान में लगभग 70,000 अभियोगी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के एक समूह ने इस सौदे को “मील का पत्थर” और “उन हजारों महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण जीत बताया, जिनके स्त्री रोग संबंधी कैंसर जेएंडजे के टैल्क आधारित उत्पादों के कारण होते हैं।” जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि कॉस्मेटिक टैल्क से संबंधित ज्यूरी ट्रायल में उसने अधिकांश में जीत हासिल की है। इसे भारी नुकसान का भी सामना करना पड़ा, क्योंकि इसे कुछ वादियों को अरबों डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया था।

किसी सौदे को अंतिम रूप देने के लिए अदालत को पहले जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक कंपनी एलटीएल प्रबंधन द्वारा दी गई दिवालियापन फाइलिंग को स्वीकार करना होगा और फिर स्वयं निपटान को मंजूरी देनी होगी। जॉनसन एंड जॉनसन ने 2021 में खुद को टैल्क मुकदमे से बचाने के लिए एलटीएल बनाया था। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो समझौता लंबे समय से चल रहा कानूनी विवाद को समाप्त हो जाएगा, जिसने जॉनसन एंड जॉनसन की इमेज को प्रभावित किया है। इसका बेबी पाउडर कंपनी के सबसे अधिक पापुलर ब्रांडों में से एक है।मेसोथेलियोमा जैसी बीमारियों का कारण था। एलटीएल की पहली दिवालियापन फाइलिंग ने अभियोगी को नुकसान का भुगतान करने के लिए 2 बिलियन डॉलर अलग रखा था। नई फाइलिंग के साथ जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वह पेमेंट को कवर करने के लिए अतिरिक्त 6.9 बिलियन डॉलर अलग रखेगी।

सेटलमेंट प्लान गलत कामों की स्वीकारोक्ति नहीं है। वैश्विक मुकदमेबाजी के फर्म के उपाध्यक्ष एरिक हास ने मंगलवार को एक बयान में कहा ,“प्रस्तावित पुनर्गठन योजना के माध्यम से इस मामले का समाधान अधिक न्यायसंगत और अधिक प्रभावी दोनों है, दावेदारों को अधिक समयबद्ध तरीके से क्षतिपूर्ति करने की अनुमति देता है और कंपनी को मानवता के स्वास्थ्य पर गहरा और सकारात्मक प्रभाव डालने की हमारी प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाता है।”

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