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मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे कमलनाथ, इस्तीफे की अटकलों पर लगा विराम

भोपाल: चार राज्यों की मतगणना के बाद देश का सियासी माहौल ही बदल गया है. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है. इसके बाद हार के कारणों का पता लगाने के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ ने समीक्षा बैठक बुलाई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ एमपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. 130 सीट जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट कर रह गई. इसके बाद हार के कारणों का पता लगाने के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ ने समीक्षा बैठक बुलाई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ एमपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पार्टी की इस हार की वजह खोजने के लिए जुटी कांग्रेस ने आज भोपाल में कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में समीक्षा बैठक बुलाई गई.

राज्य में कांग्रेस की बुरी हार के बाद पार्टी के राज्य अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा था कि हम जनता का निर्णय स्वीकार करते हैं. हम अपनी हार की समीक्षा करेंगे. इसलिए दिल्ली में यह समीक्षा बैठक बुलाई गई थी. माना जा रहा था कि कमलनाथ से इस बैठक में एमपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा मांगा जा सकता है. इसकी वजह कमलनाथ के बयानों को माना जा रहा था. लेकिन अब खबर आई है कि कमलनाथ एमपी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बनें रहेंगे. कमलनाथ के दिल्ली दौरे के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस जल्द ही लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुट सकती हैं. आने वाले आम चुनावों में कांग्रेस को अपनी साख बचाने के लिए बड़ी लडाई लड़नी पडेगी. इसलिए पार्टी को हर मोर्चे पर काम करना होगा. कांग्रेस हाई कमान चाहेगा की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का साथ बना रहे, ताकि लोगों का भरोसा जीतने में आसानी हो.

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बने विपक्षी गठबंधन INDIA के लिए खतरे की घंटी है. विपक्षी गठबंधन की बुधवार यानी 6 दिसंबर को चौथी बैठक होने जा रही है. इस बैठक से पहले विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. कई सहयोगी पार्टियों ने भी कांग्रेस के रवैय पर सवाल उठाए हैं, ऐसे में कांग्रेस के लिए आने वाला समय मुश्किल होगा.

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