जबलपुरः राजधानी भोपाल के कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल में बीते महीने हुई आगजनी की घटना के मामले में मप्र उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को नोटिस जारी किया है और इस घटना में हुई बच्चों की मौतों को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलाब किया है। याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डा. पीजी नाजपांडे ने उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित मुख्य खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की युगल पीठ में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि मामला संवेदनशील और सार्वजनिक हित का है। दोषियों पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। याचिका में हवाला दिया गया कि वर्ष 2014 में सतना के सरकारी अस्पताल के बच्चा वार्ड में आग लगी थी। आग से 10 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे और एक बच्चे की मौत हो गई थी।
जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी हुआ था। तब राज्य सरकार द्वारा कराई गई जांच में सामने आया था कि आग जैसी घटनाएं रोकने के लिए अस्पतालों में कोई व्यवस्थाएं नहीं है। यह मामला अभी भी हाईकोर्ट में लंबित है। इसी तरह जबलपुर में भी बच्चा वार्ड में आग लग गई थी।
अब भोपाल के हमीदिया अस्पताल में आग लगने से करीब 15 बच्चों की मौत हो गई, जबकि राज्य सरकार द्वारा केवल 4 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई। मामले में हद दर्जे की लापरवाही बरती गई। इस तरह की लापरवाही करने वाले सभी दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए। मामले में अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।