बीदर (कर्नाटक). कर्नाटक के बीदर में एक भीड़ 15वीं सदी के एक धरोहर स्थल में जबरन घुस गई, जहां एक मदरसा और मस्जिद है। भीड़ ने दशहरा उत्सव के दौरान वहां पूजा-अर्चना भी की। पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उनमें से चार को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि यह घटना कथित तौर पर बृहस्पतिवार तड़के हुई थी। हालांकि, कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि कानून व्यवस्था की कोई समस्या पैदा नहीं हुई है क्योंकि श्रद्धालु परिसर के अंदर उस स्थान पर कुछ रस्म करने गये थे, जहां वर्षों पहले शमी का एक पेड़ हुआ करता था। वे सदियों से यह रस्म अदा करते आ रहे हैं।
शमी के पेड़ को पवित्र माना जाता है और दशहरा उत्सव के दौरान इसकी पूजा की जाती है। शिकायतकर्ता एवं मस्जिद समिति के सदस्य मोहम्मद शफीउद्दीन के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब बृहस्पतिवार को तड़के देवी दुर्गा की प्रतिमा के विजर्सन के लिए पास से एक शोभायात्रा गुजर रही थी और करीब 60 लोगों का उपद्रवी समूह था।
घटना का एक कथित वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ समय के लिए शहर के कुछ हिस्सों में तनाव व्याप्त हो गया और मुस्लिमों के एक वर्ग ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रदर्शन किया। मदरसा-ए-महमूद गवां बीदर में एक मध्यकालीन इस्लामी ढांचा है।
इस धरोहर स्थल में एक मस्जिद भी है। महमूद गवां ने 1472 ईस्वी में इस मदरसे का निर्माण कराया था। अधिकारियों ने बताया कि लोगों के एक समूह ने भवानी देवी शोभायात्रा के दौरान सुरक्षाकर्मियों को धमकी देकर परिसर में घुसने के बाद पूजा-अर्चना की। घटना के बाद, पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों को धरोहर स्थल के चारों ओर तैनात किया गया है, ताकि किसी अप्रिय घटना को टाला जा सके। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि समूह ने धरोहर भवन परिसर में जबरन प्रवेश किया और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से पूजा-अर्चना की।
ज्ञानेंद्र ने कहा, ‘‘दशहरा के दौरान, लोग वहां पूजा करने जाया करते हैं। इस बार भी यही हुआ। पहले वहां पेड़ की पूजा करने वालों की संख्या कम हुआ करती थी, लेकिन इस बार यह संख्या बढ़ गयी। पहले पांच-छह लोग जाते थे, लेकिन इस बार 25 से 30 लोग गए। पूजा-अर्चना के लिए अंदर गये लोगों ने अपना वीडियो बनाया और उसे साझा भी किया।”
परिसर में भीड़ के जबरन प्रवेश के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश मेघान्नानवर और अन्य अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद वे चले गये। कथित वीडियो क्लिप में, धरोहर स्थल में प्रवेश करने वाले लोगों को ‘भवानी माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘हिंदू धर्म की जय’ के नारे लगाते सुना जा सकता है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘‘कर्नाटक के बीदर में ऐतिहासिक महमूद गवां मस्जिद एवं मदरसे के (पांच अक्टूबर के) दृश्य। चरमपंथियों ने ताला तोड़ा और (मस्जिद को) अपवित्र करने की कोशिश की। बीदर पुलिस और (कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस) बोम्मई, आप ऐसा कैसे होने दे सकते हैं? भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) मुसलमानों को केवल नीचा दिखाने के लिए इसे बढ़ावा दे रही है।”