कश्मीरी पंडित कारोबारी और भेलपूरी बेचने वाले प्रवासी नागरिक की गोली मार कर हत्या
जम्मूः आतंकियों ने राजधानी श्रीनगर के एक मशहूर कश्मीरी पंडित केमिस्ट मक्खन लाल बिंदरू की गोली मार कर हत्या कर दी है। इस हत्या को कश्मीरी पंडितों की कश्मीर वापसी के प्रयासों के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है। इस हत्याकांड के कुद ही मिनटों के भीतर आतंकियों ने श्रीनगर के ही लाल बाजार इलाके में एक भेलपूरी बेचने वाले प्रवासी नागिरक की गोली मार कर हत्या कर दी। मारे गए प्रवासी नागरिक की पहचान नहीं हो पाई। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के इकबाल पार्क के पास आतंकियों ने मंगलवार शाम करीब सात बजे एक मशहूर केमिस्ट की गोलीमार कर हत्या कर दी।
मारा गया केमिस्ट 68 वर्षीय मक्खन लाल बिंदरू लंबे अरसे से बिंदरू हेल्थे केयर नाम से कैमिस्ट की दुकान चलाता था। बिंदरू को आतंकियों ने उनकी दुकान में घुस कर निशाना बनाया। मक्खन लाल को गोलियों को भूनते हुए आतंकी मौके से फरार हो गए। कुछ ही देर में सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर कर तलाशी अभियान छेड़ दिया। आतंकियों के इलाके में ही छिपे होने की आशंका है। जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने बिंदरू कैमिस्ट शॉप के अंदर घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें नामी कैमिस्ट मक्खन लाल लहूलुहान हो गए। आसपास के लोगों ने उसे उठाकर श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बिंदरू को गई गोलियां लगी थी।
इसके कारण उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। श्रीनगर में इस तरह से नागरिकों को निशाना बनाए जाने का तीन दिन में यह तीसरा मामला है। दो पहले ही श्रीनगर के करण नगर और बटमालू में दो युवकों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी जारी है। इससे पहले 17 सितंबर को आतंकियों ने पुलिस में बतौर फॉलोवर काम कर रहे बंटू शर्मा को नजदीक से गोली मारकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। यह परिवार पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से कश्मीर में रह रहा है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई को यह रास नहीं आ रहा है कि सरकार ने कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों से कब्जे हटाने का अभियान शुरू किया है।
इसी के चलते पाकिस्तान ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और टीआरएफ (द रजिस्टेंस फ्रंट) को इस समाज को निशाना बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। पूरी साजिश लोगों में खौफ का वातावरण बनाने की है। इसी साजिश के तहत पिछले कुछ दिनों से कश्मीरी पंडितों पर आतंकियों ने हमले तेज किए हैं।