मुंबई : भारत राष्ट्र समिति के चीफ केसीआर इस समय अपनी ताकत दिखाने के लिए महाराष्ट्र पहुंचे हुए हैं। वह अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा लाव लश्कर साथ है। केसीआर के साथ 600 कारों का काफिला है। सोमवार को वह सोलापुर के पंढरपुर में विट्ठल-रुक्मणी मंदिर पहुंचे। इसके बाद सरकोली गांव में रैली की। शरद पवार ने केसीआर के इस प्रदर्शन पर नाखुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा, वाहनों के जरिए अपनी ताकत को दिखाना बेहद दुखद है।
पवार ने कहा, अगर केसीआर दोनों राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए राज्य में आए होते तो अलग बात होती। बता दें कि पिछली बार पंढरपुर विधानसभा सीट से एनसीपी की सीट से चुनाव लड़ने वाले भगीरथ भालके भी बीआरएस में शामिल हो गए हैं। वह 2021 में चुनाव हार गए थे। उनको लेकर जब शरद पवार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, किसी एक के पार्टी छोड़ने से फर्क नहीं पड़ता। यह कोई चिंता का विषय नहीं है।
पवार ने कहा, टिकट देने के बाद ही हमें अहसास हो गया था कि गलत कदम उठा लिया गया था। लेकिन फिर भी मैं इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता। शरद पवार ने कहा कि अगर कोई पड़ोसी मुख्यमंत्री पूजा करने के लिए राज्य में आते हैं तो इसमें आपत्ति की कोई वजह नहीं है लेकिन इस तरह से वाहनों के जरिए शक्ति प्रदर्शन चिंताजनक है। बता दें कि केसीआर उस्मानाबाद भी पहुचे थे। इसेक अलावा उन्होंने श्रद्धेय दुलजाभवानी मंदिर पहुंचकर खास पूजा अर्चना की।
बताते चलें कि केसीआर उन नेताओं में शामिल हैं जो कि भाजपा का विरोध तो करते हैं लेकिन विपक्षी एकता से किनारा कसे हुए हैं। केसीआर और जगनमोहन रेड्डी ने विपक्षी एकता मंच पर दस्तक नहीं दी है। वह अपनी पार्टी के विस्तार में लगे हुए हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति के बाद उन्होंने अपनी राष्ट्रीय पार्टी भारत राष्ट्र समिति लॉन्च की है।