पैर में काला धागा बांधने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, वरना होगा उल्टा असर
नई दिल्ली : कई लोगों को आपने पैरों, हाथों में काला धागा पहने हुए देखा होगा। कुछ लोग इसे फैशन की तरह देखते हैं, तो कोई इसे धार्मिक प्रवृत्ति से देखता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे क्यों पहना है? ज्यादातर लोगों का कहना है कि बचपन में माता-पिता ने उनके पैरों में बांधा था। इसी के कारण वह लगातार पहनते हुए चले आ रहे हैं। हालांकि, पैरों में काला धागा बांधने के अलग ही महत्व है। इन्हें बांधने की प्रथा सदियों से यूं ही चली आ रही है।
काला धागा पहनने का महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, धागे का काला रंग शनि ग्रह से संबंधित है। इसलिए पैरों में काला धागा बांधने से शनिदेव (Shani Dev) हमेशा रक्षा करते हैं और आपके जीवन के मार्गदर्शक भी बन जाते हैं। इसके साथ ही सुख-समृद्धि, धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है।
छाया ग्रह राहु और केतु अधिकतर अशुभ प्रभाव देते हैं। ऐसे में बाएं पैर में काला धागा पहनने से दोनों ग्रहों का दुष्प्रभाव कम हो सकता है। इसके साथ ही पैसों की तंगी से भी छुटकारा मिल जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पैरों में काला धागा पहनने से बुरी नजर नही लगती है। इसके साथ ही नकारात्मक ऊर्जा कोसों दूर रहती है, जिससे स्वास्थ्य और तरक्की पर बुरा असर नहीं पड़ता है। इसके साथ ही जिन बच्चों को बार-बार नजर लगती हैं, उनके पैरे में जरूर काला धागा बांध देना चाहिए।
धन और सौभाग्य लाता है
शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार के दिन बाएं पैर में काला धागा धारण करने से आर्थिक संबंधी समस्याओं से भी निजात मिल सकती है। इसके साथ ही शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
काला धागा बांधते समय ध्यान रखें ये बातें
बाजार से लाएं काला धागा के बजाय भैरव नाथ मंदिर से धागा लाकर बांध सकते हैं। इससे कई गुना अधिक लाभ मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काले धागे में चारों ओर गांठ लगाकर ही पहनना चाहिए।
इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अगर काला धागा पहना है, तो किसी अन्य रंग का काला धागा बिल्कुल भी न पहनें।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार या फिर मंगलवार के दिन काला धागा पहनना लाभकारी हो सकता है।
धागा बांधते समय पवित्रता को बनाए रखने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए, लेकिन महिलाएं इस मंत्र का जाप न करें।