टॉप न्यूज़दिल्ली

सत्ता जाते ही मुश्किल में केजरीवाल, दिल्ली की कोर्ट ने दी पूर्व CM पर FIR ठोकने की परमिशन

नई दिल्ली : एक बड़ी खबर के अनुसार दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सरकारी पैसों के दुरुपयोग मामले में बीते मंगलवार को FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। दिल्ली के पूर्व CM केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने प्रचार के लिए बड़े होर्डिंग लगवाने में जनता के पैसे का भरपूर गलत इस्तेमाल किया।

बीते मंगलवार 13 मार्च को केजरीवाल और दो अन्य नेताओं गुलाब सिंह और नितिका शर्मा पर FIR की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पुलिस से 18 मार्च तक मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। इस बाबत अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने कहा, “इस अदालत की राय है कि आवेदन सीआरपीसी की धारा-156(3) के तहत स्वीकार किए जाने योग्य हैं। तदनुसार, संबंधित थाना प्रभारी (एसएचओ) को दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम, 2007 की धारा-3 और मामले के तथ्यों से प्रतीत होने वाले किसी भी अन्य अपराध के तहत तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है।”

जानकारी दें कि, साल 2019 में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल, मटियाला से आम आदमी पार्टी (आप) के तत्कालीन विधायक गुलाब सिंह और द्वारका ए वार्ड की तत्कालीन पार्षद नितिका शर्मा ने क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर “बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर जानबूझकर जनता के पैसों का दुरुपयोग किया।” इस बाबत अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने कहा कि, शिव कुमार सक्सेना नाम के व्यक्ति ने समय और तारीख के साथ ऐसे साक्ष्य पेश किए हैं, जिनसे पता चलता है कि अवैध बैनर पर केजरीवाल और अन्य आरोपियों के नाम के साथ-साथ उनकी तस्वीरें भी प्रकाशित की गई थीं। अदालत ने केजरीवाल के अलावा मटियाला से आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की पूर्व पार्षद नितिका शर्मा के खिलाफ भी “बड़े आकार” के बैनर लगाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

वहीं अदालत ने पुलिस को होर्डिंग से जुड़ी “बातों का खुलासा करने” का निर्देश दिया, खासकर यह कि होर्डिंग की छपाई कहां हुई और इसे किसने लगाया। अदालत ने सरकारी वकील के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि शिकायत में कुछ लोगों के नाम छूट गए थे। उसने कहा, “शिकायतकर्ता द्वारा नाम लेना या छोड़ना जांच की दिशा निर्धारित नहीं कर सकता।”

अदालत ने इस बाबत कहा कि जांच एजेंसी के पास किसी भी व्यक्ति को आरोपी बनाने का पर्याप्त अधिकार है, भले ही उसका नाम शिकायत में न हो। जानकारी दें कि, शिव कुमार सक्सेना ने 2019 में आरोप लगाया था कि केजरीवाल, सिंह और शर्मा ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका में विभिन्न जगहों पर बड़े आकार के होर्डिंग लगाकर जानबूझकर जनता के पैसों का दुरुपयोग किया।

Related Articles

Back to top button