दिल्ली

किसानों को दोहन एवं शोषण कर रही है केजरीवाल सरकार-अलका गुर्जर

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री एवं प्रदेश सह-प्रभारी डॉ. अलका गुर्जर ने कहा कि किसानों एवं अन्नदाताओं के बारे में जिसने नहीं सोचा उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। पिछले आठ दिनों से लगातार जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले सात सालों में किसानों का दोहन एवं शोषण किया है। किसान जब तक खुशहाल नहीं होगा तब तक कृषि प्रधान देश में कोई भी सत्ता सही तरीके से नहीं चल सकती। यह आंदोलन जनता का आंदोलन है और जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक किसान अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

डॉ. अलका गुर्जर ने कहा कि जल जमाव आज के समय में दिल्ली देहात की सबसे बड़ी समस्या है और कई गांवों में मैं खुद होकर आई हूं जहां के खेतों में सालों से पानी का जमाव है जिसके कारण किसान अपनी जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे हैं। केजरीवाल ने किसानों से मुफ्त बिजली देने की बात तो कर दी लेकिन आज कमर्शियल दर पर बिजली शुल्क लेने जैसी शर्मनाक काम भी आम आदमी पार्टी सरकार कर रही है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पराली को जिम्मेदार ठहराने वाली केजरीवाल सरकार डिकम्पोजर के बहाने कई करोड़ रुपये का विज्ञापन कर डालते हैं। जनता को भ्रम में डालकर पिछले सात सालों से विकास के नाम पर कुछ नहीं किया गया है। सलाना बजट का सिर्फ 21 प्रतिशत पैसा खर्च पा रही केजरीवाल सरकार, विज्ञापन की सरकार है और जनता के मुद्दों और समस्याओं से इनका कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए जागरुकता के साथ हम ऐसे ही विरोध प्रदर्शन कर केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए वायदों को उन्हें याद दिलाते रहेंगे।

प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष श्री विनोद सहरावत ने कहा कि 35 गांवों एवं अनाधिकृत कॉलोनियों में भरे पानी की निकासी के लिए तुरंत व्यवस्था की जाए और पिछले पांच सालों से भरे पानी के कारण किसानों ने खेती नहीं की है, उसका मुआवजा भी उन्हें तुरंत मिले। इसके साथ ही ट्रैक्टर, खाद इत्यादि की खरीद पर सब्सिडी लागू की जाए। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए बिजली के लगे फिक्स चार्ज को खत्म किया जाए। विरोध प्रदर्शन में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख श्री नवीन कुमार जिंदल, महापौर श्री मुकेश सूर्यान, किसान मोर्चा महामंत्री श्री अनुप चौधरी, मोर्चा उपाध्यक्ष श्री अशोक कुमार सहित अन्य पदाधिकारी और भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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