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मुश्किल में आए केजरीवाल, शराब घोटाले मामले में ED ने भेजा समन, 2 नवंबर को होगी पूछताछ

नई दिल्‍ली : केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए पूछताछ के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भेजा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए दो नवंबर को पेश होने को कहा है। ईडी का यह कदम ऐसे वक्त में सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत की अपीलें यह कहते हुए खारिज कर दी हैं कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये की रकम के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि केजरीवाल को ईडी की ओर से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत समन जारी किया गया है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी के सामने पेश होने के बाद एजेंसी की ओर से केजरीवाल का बयान दर्ज किया जाएगा। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को दो नवंबर को पूर्वाह्न 11 बजे ईडी के दिल्ली स्थित कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।

यह पहली बार है जब केजरीवाल को ईडी ने समन भेजा है। अप्रैल में इस मामले में सीबीआई ने केजरीवाल से पूछताछ की थी। ईडी ने इस मामले में दायर अपने आरोपपत्रों में कई बार अरविंद केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया है। ईडी ने कहा है कि अब निरस्त की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति-2021-22 को तैयार करने और लागू करने के संबंध में आरोपी आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल के संपर्क में थे।

ईडी ने एक आरोपपत्र में दावा किया है कि उसने कथित तौर पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता से जुड़े अकाउंटेंट बुचीबाबू का बयान दर्ज किया है। बुचीबाबू ने अपने बयान में कहा है कि के. कविता और मुख्यमंत्री केजरीवाल एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बीच राजनीतिक सांठगांठ थी। इसी के तहत के कविता ने 19-20 मार्च, 2021 को विजय नायर (मामले में गिरफ्तार आप के संचार प्रभारी) से भी मुलाकात की थी।

गिरफ्तार आरोपी दिनेश अरोड़ा से जुड़े एक अन्य मामले में ईडी ने कहा कि उन्होंने एजेंसी को बताया कि वह एक बार केजरीवाल से उनके आवास पर मिले थे। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। मामले में 338 करोड़ रुपये का संदिग्ध हस्तांतरण सामने आ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने सोमवार को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उसने जांच एजेंसियों के रिकॉर्ड को देखा है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी। यदि सुनवाई में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। विश्लेषण में कुछ ऐसे पहलू हैं जो संदिग्ध हैं। मामले में 338 करोड़ रुपये की रकम हस्तांतरण की अस्थाई तौर पर पुष्टि हुई है।

कथित शराब घोटाले में सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के ऐंगल से छानबीन में सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ की थी और उन्हें नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद सिसोदिया ने 28 फरवरी को केजरीवाल कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

केजरीवाल को तलब किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस पर कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस से यह स्पष्ट है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एकमात्र उद्देश्य आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party, AAP) को खत्म करना है। वे केजरीवाल को फर्जी मामले में फंसाकर जेल भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं भाजपा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को समन भेजे जाने का स्वागत करते हुए कहा कि यह सच्चाई की जीत है।

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