केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें, यमुना में जहर के दावे पर कोर्ट ने भेजा नोटिस, 17 फरवरी को पेश होने के निर्देश
नई दिल्ली : यमुना के पानी में जहर वाले दावे को लेकर अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हरियाणा (Haryana) के सोनीपत (Sonipat) की एक अदालत ने बुधवार को आप सुप्रीमो को उनके इस दावे पर नोटिस जारी किया और उन्हें 17 फरवरी को पेश होने के लिए कहा है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) नेहा गोयल की अदालत ने सोनीपत के राय वाटर सर्विस डिविजन के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर द्वारा दायर शिकायत पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है।
अदालत ने केजरीवाल को 17 फरवरी को पेश होने का आदेश देते हुए कहा, ‘अगर उन्हें इस मामले में कुछ कहना है तो उन्हें सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया जाता है। अगर वह अगली सुनवाई की तारीख पर अदालत में पेश नहीं होते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्हें इस मामले में कुछ नहीं कहना है और आगे की कार्यवाही कानून के अनुसार की जाएगी।’ इससे एक दिन पहले हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि राज्य सरकार केजरीवाल के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज कराएगी।
गोयल ने रिपोर्टर्स से कहा, ‘केजरीवाल ने दिल्ली और हरियाणा के लोगों में दहशत फैलाने वाला गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। हरियाणा सरकार उनके खिलाफ सोनीपत में सीजेएम कोर्ट में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाने जा रही है।’ यह शिकायत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 223, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 और 356 के तहत दर्ज की गई है।
बीएनएसएस की धारा 223 के तहत निर्धारित प्रावधानों के तहत मजिस्ट्रेट द्वारा अपराध का संज्ञान लेने से पहले आरोपी को सुनवाई का अवसर दिया जाना है। केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया था कि ‘हरियाणा में भाजपा के लोग पानी में जहर मिलाकर दिल्ली भेज रहे हैं’ ताकि अगर लोग मरें तो वे आप को दोषी ठहरा सकें और राजनीतिक लाभ उठा सकें। ‘क्या इससे ज्यादा घिनौना कुछ हो सकता है?’ उन्होंने कहा था, ‘पानी में जो जहर मिलाया जा रहा है, उसे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भी साफ नहीं किया जा सकता। दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के लिए कई इलाकों में पानी की आपूर्ति रोकनी पड़ रही है।’