खालिस्तानी आतंकवादी कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानपुरिया को NIA ने किया अरेस्ट, 2019 से चल रहा था फरार
नई दिल्लीः राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने दिल्ली हवाई अड्डे से पांच लाख रुपये के इनामी अति-वांछित आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। तीन साल पहले उसे भगोड़ा घोषित किया गया था और इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े रहे कुलविंदरजीत सिंह उर्फ ‘खानपुरिया’ को शुक्रवार को बैंकॉक से यहां पहुंचने के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया।
खानपुरिया पंजाब में चुन-चुनकर हत्या के मामलों को अंजाम देने की साजिश रचने समेत अनेक आतंकवादी मामलों में शामिल और वांछित था। वह 2019 से फरार था और एनआईए ने उसके बारे में सूचना देने पर पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।
अधिकारी ने बताया कि उसे अमृतसर में राज्य विशेष अभियान प्रकोष्ठ थाने में दर्ज एक मामले में पंजाब में एनआईए की विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था जिसके बाद उसके खिलाफ एक लुक-आउट सर्कुलर और रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। यह मामला शुरुआत में 30 मई, 2019 को और बाद में एनआईए द्वारा 27 जून, 2019 को दर्ज किया गया था।
इससे पहले खानपुरिया के साथ साजिश रचने वाले चार सह-आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किये गये थे। अधिकारी ने कहा, ‘‘गिरफ्तार आतंकवादी 1990 के दशक में नयी दिल्ली के कनॉट प्लेस में बम विस्फोट के एक मामले में और अन्य राज्यों में ग्रेनेड हमलों में भी शामिल था।”
एनआईए अधिकारी के अनुसार, जांच में सामने आया कि खानपुरिया पंजाब में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े परिसरों और पुलिस तथा सुरक्षा से जुड़े स्थानों पर निशाना साधकर भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश में प्रमुख तौर पर शामिल था। अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा वह भाखरा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी निशाना साध रहा था।
अधिकारी के अनुसार, कुल मिलाकर उसका मकसद पंजाब तथा पूरे देश में आतंक का माहौल बनाना था। अधिकारी ने कहा, ‘‘खानपुरिया ने भारत में और विभिन्न दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में अपने गुर्गों तथा सहयोगियों के साथ भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रची थी। बाद में वह भारत से भाग जाने में कामयाब रहा।”