खरगे ने पीएम पर साधा निशाना; बोले- वे लोगों के कल्याण के लिए नहीं, अमीरों की मदद के लिए प्रधानमंत्री बने
जेवर्गीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी जनता का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए नहीं बल्कि अमीरों के पेट भरने, देश लूटने में उनकी मदद करने और गरीबों के उत्पीड़न के लिए प्रधानमंत्री बने थे। खरगे गुलबर्गा लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार एवं अपने दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि के पक्ष में यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस सीट पर सात मई को मतदान होना है। दो बार गुलबर्गा से सांसद रह चुके खरगे 2019 के आम चुनाव में भाजपा के उमेश जाधव से हार गए थे। यह खरगे के राजनीतिक करियर में उनकी पहली चुनावी हार थी। इस बार वह अपनी आयु और कांग्रेस में जिम्मेदारियों के चलते चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
खरगे ने कहा, “मोदी लोगों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नहीं बने, मोदी अमीरों के पेट भरने, लूट में अमीरों की मदद करने और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की बात मानकर गरीबों का शोषण करने के लिए प्रधानमंत्री हैं। उन्हें गरीबों की कोई परवाह नहीं है और वह गरीबों की बात नहीं सुनते।” खरगे ने यह भी दावा किया कि अयोध्या में राममंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर कांग्रेस की आलोचना के बाद उन्हें आमंत्रित किया गया है और उन्होंने आज मंदिर में दर्शन किया। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार समेत कांग्रेस के अन्य नेता जनसभा में उपस्थित थे।
खरगे ने कहा “मुझे नहीं पता कि वह (मोदी) कितनी बार भगवान का नाम लेते हैं। मुझे नहीं पता कि वह घर पर कितने देवी-देवताओं की प्रार्थना करते हैं, लेकिन वह कांग्रेस पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूकते। वह हर दिन सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मेरे खिलाफ बोलते हैं और लोगों में हमारे प्रति नफरत पैदा करने की कोशिश करते हैं।”
उन्होंने मोदी पर समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के घोषणापत्र की तुलना मुस्लिम लीग के घोषणापत्र से भी की है। उन्होंने कहा, “इसलिए मैंने उन्हें (मोदी) हमारे घोषणापत्र के बारे में समझाने के लिए उनसे समय मांगा। मैंने उन्हें एक पत्र लिखा, जिसका उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है। उन्होंने जवाब नहीं दिया है क्योंकि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है।”