पुणे । मोहम्मद अनस बेशक मृदुभाषी हों लेकिन वह काफी सख्त भी हैं। वह बेहद दबाव में अपनी काबिलियत के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन न करने से निश्चित निराश होते हैं लेकिन वह हमेशा आगे बढ़ने को तैयार रहते हैं। कोल्ड वायरस में डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाई लेने के बाद अनस मुश्किल में फंस गए थे लेकिन इससे बच भी गए। वह अब इस बात को साबित करने को बेताब हैं कि वह देश के सर्वश्रेष्ठ युवा जिमनास्ट हैं। पिछले साल दिल्ली में आयोजित खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में अनस ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। यहां खेलो इंडिया यूथ गेम्स से पहले एक बार फिर उन्हें ब्वॉएज अंडर-21 में स्वर्ण पदक की उम्मीद है। स्टैंड्स से वह अपनी जन्मस्थली उत्तर प्रदेश की अंडर-17 टीम का हौसला बढ़ा रहे थे।
कोल्ड वायरस में डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाई लेने के बाद फंसे थे मुश्किल में
अनस ने कहा कि वह इस बात को जानकर बेहद दवाब में थे कि उनसे सभी को ब्यूनस आयर्स में होने वाले यूथ ओलम्पिक में उनके क्वालीफाई करने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरुप मैं जकार्ता में खेली गई एशियन जूनियर चैम्पियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सका था। वॉल्ट में मैंने 13,000 अंक लिए थे लेकिन मैं अपनी काबिलियत के मुताबिक नहीं खेल सका था।’’ अनस ने कहा कि वह अब उस असफलता को पीछे छोड़ चुके हैं। बकौल अनस, ‘‘मैंने सीख लिया है और अब मैं अपना ध्यान सिर्फ खेल में सुधार करने की प्रक्रिया पर लगाऊंगा और परिणाम के बारे में चिंता नहीं करूंगा। मुझे इस बात से भी आत्मविश्वास मिला जब अनुशासन समिति ने कहा कि मैंने डॉक्टर की सलाह पर दवाई ली थी और इस वजह से उन्होंने मुझे छोड़ दिया।’’ वह अब किसी भी तरह की दवाई लेने से पहले काफी सावधान रहते हैं और अपने अनुभव के बारे में बिना हिचके साथी जिमनास्टों से बातें करते हैं।
एक दबाव भरे समय से बाहर आकर अपने आप को श्री शिव छत्रपति स्पोटर्स कॉम्पलेक्स के हॉल में अपनी बात रखना, इसके लिए मानसिक तौर पर काफी मजबूती की जरूरत है। अनस ने कहा कि वह पहले से ज्यादा तैयार हैं, ‘‘नेशनल स्पोटर्स अकादमी, जहां मैं तैयारी करता हूं, मेरे प्रशिक्षकों, मेरे माता-पिता और हर उस इंसान का जो मुझमें विश्वास करता है, का शुक्रगुजार हूं। लेकिन इससे भी ज्यादा यह मेरे लिए 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की तैयारी का मंच है।