प्यार में रोड़ा बन रहे प्रेमिका के बेटे की कर दी हत्या, पहचान छिपाने के लिए बन गया साधु
बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक शातिर ने अपने प्रेमिका के बेटे की धोखे से हत्या कर दी और पहचान मिटाने के लिए चेहरे को जला दिया। इसके बाद आरोपी दो साल से एक मंदिर में साधु बनकर रहने लगा। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए हत्यारोपी को तमंचे-कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया।
मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसएसपी ने बताया कि 16 मार्च 2021 को अहमदगढ़ के गांव सोरखा के जंगल में एक युवक का अधजला शव मिला था। पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। सोमवार को सलेमपुर पुलिस ने एक सूचना पर गांव याकूबपुर रजवाहे की पुलिया के पास से अलीगढ़ के थाना जवां के गांव कल्याणपुर निवासी सुजान को पकड़ लिया। आरोपी के पास से एक तमंचा और कारतूस बरामद हुआ। सलेमपुर पुलिस की पूछताछ में आरोपी सुजान ने अमर की हत्या कर शव जलाने की घटना कबूल कर ली। मृतक की पहचान अमर सिंह निवासी गांव राइट थाना गोधा जिला अलीगढ़ के रूप में हुई।
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि हत्यारोपी सुजान का मृतक अमर की मां से अवैध संबंध थे, जिसका उसे को पता चल गया था। अमर सिंह ने उन दोनों के अवैध संबंधों का विरोध करना शुरू कर दिया। इस पर आरोपी उसे धोखे से अहमदगढ़ के गांव सोरखा के जंगल लेकर पहुंचा और वहां उसकी हत्या कर दी। मृतक की पहचान छिपाने के लिए उसकी शर्ट चेहरे पर रखकर आग लगा दी थी। इसके बाद पुलिस से बचने के लिए आरोपी साधु बनने का नाटक करने लगा। और बीते दो सालों से वह सलेमपुर के गांव याकूबपुर में चामुंडा मंदिर में साधु बनकर रहने लगा।
एसएसपी ने बताया कि आरोपी सुजान पर अलीगढ़ के थाना जवां, थाना गोधा, थाना देहली गेट, बुलंदशहर के थाना अहमदगढ़ और थाना सलेमपुर में हत्या, पुलिस मुठभेड़, आर्म्स एक्ट समेत दस आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एसएसपी ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी सुजान शातिर बदमाश है। साल 1994 में आरोपी ने अपने पिता कुंवरपाल के साथ मिलकर अपने गांव के ही नरेंद्र की हत्या कर दी थी, जिसमें वह जेल काट चुका है। साल 2016 में आरोपी ने कुशलपाल पुत्र चन्द्रपाल निवासी गांव भीमगढ़ी थाना हरदुआगंज जनपद अलीगढ़ की गले में रस्सी से फांसी लगाकर हत्या कर दी थी और उसके शव को थाना लोधा जनपद अलीगढ़ क्षेत्र में फेंक दिया था। इसका मुकदमा भी थाना गोधा पर दर्ज हुआ था, जिसमें पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में मृतक अमर सिंह के परिवार द्वारा ही सुजान की जमानत कराई गई थी।