आमतौर पर लोग अपने पहले किस को लेकर खुश और उत्सुकत होते हैं। लेकिन, एक शख्स ऐसे भी हैं जिनके लिए किस करना मौत को दावत देने जैसा है। ब्रिटेन के सरी के रहने वाले ओली वेदरॉल के लिए उनकी एलर्जी एक बड़ी समस्या बन गई है। इसके कारण वो बाहर खाना नहीं खा सकते। उन्हें छुट्टियों पर जाने से पहले सोचना पड़ता है। यहां तक कि किसी व्यक्ति से नजदीकी संबंध बनाने के लिए भी उन्हें बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है।22 साल के ओली वेदरॉल को मूंगफली से एलर्जी है। इस एलर्जी के कारण बचपन में उनकी तबीयत इस कदर बिगड़ गई थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
ओली बाताते हैं कि एलर्जी से उनका थूक इतना गाढ़ा हो गया था कि वो सांस तक नहीं ले पा रहे थे। तब से उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गई। ओली वेदरॉल ने बीबीसी रेडियो 1 न्यूजबीट को अपनी मुश्किलों, अपनी एलर्जी और अपनी लड़ाई के बारे में बताया।
22 साल के ओली वेदरॉल को मूंगफली से एलर्जी है। इस एलर्जी के कारण बचपन में उनकी तबीयत इस कदर बिगड़ गई थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
ओली बाताते हैं कि एलर्जी से उनका थूक इतना गाढ़ा हो गया था कि वो सांस तक नहीं ले पा रहे थे। तब से उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गई। ओली वेदरॉल ने बीबीसी रेडियो 1 न्यूजबीट को अपनी मुश्किलों, अपनी एलर्जी और अपनी लड़ाई के बारे में बताया।
वह मूंगफली खाना तो छोड़ सकते थे लेकिन कोई भी ऐसा सामान जिसमें उसका जरा भी इस्तेमाल हो उनके लिए जानलेवा हो सकता था। यहां तक कि वो किसी को किस भी नहीं कर सकते। अगर सामने वाले ने मूंगफली या उसके इस्तेमाल से बना खाना खाया हो तो ये भी ओली के लिए खतरा हो सकता है।
ओली कहते हैं, “इसके कारण लोगों की जान तक चली गई है। यह एक बड़ा जोखिम है। जिन लोगों को एलर्जी नहीं है वो इस खतरे के बारे में सोच भी नहीं पाते।” “अगर आपको एलर्जी नहीं है या आपके किसी जानने वाले को एलर्जी नहीं तो आपके लिए छुट्टियों की तैयारी करना, फ्लाइट से जाना या प्रेमसंबंध बनाना बहुत आसान हो जाता है। आप बेफ्रिकी से ये सब कर सकते हैं।”
जब खाया पीनट बटर
ओली कहते हैं कि जब पीनट बटर खाने के कारण उन्हें पहली बार अस्पताल ले जाना पड़ा था, तो वो उनकी जिंदगी का सबसे डरावना अनुभव था। उन्हें नहीं पता था कि उनके शरीर में क्या हो रहा है। लेकिन, उनकी त्वचा में सूजन आ रही थी और वो लाल पड़ गई थी। अमूमन लोग सोचते हैं कि एलर्जी से बचने के लिए जिस चीज से एलर्जी है उसे खाना छोड़ देना चाहिए। लेकिन, ओली के लिए ये सब इतना आसान नहीं था।
दिमाग में घूमता खाना
ओली वेदरॉल के लिए बाहर खाना भी एक बड़ी समस्या है। ओली कहते हैं कि उन्होंने कई रातें ये सोचते हुए बिताई हैं कि कहीं उन्हें एलर्जी तो नहीं हो रही। इसलिए वह बाहर खाने से बचते हैं। अगर ओली को कुछ घंटों के लिए भी बाहर जाना हो तो उन्हें पहले खाने के बारे में सोचना पड़ता है। वो कहते हैं, “इस कारण आपकी जिंदगी का बहुत सा समय यह सोचने में ही चला जाता है कि कैसे आप सुरक्षित खाना खाएं। आप तुरंत कहीं भी नहीं जा सकते। पहले अपने खाने का इंतजाम करना होता है।”
हवाई सफर की मुश्किल
विदेश में छुट्टियां मनाने जाना भी ओली के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं। सिर्फ ये नहीं कि आपको हवाई जहाज में क्या खाना मिलेगा बल्कि भाषा भी बहुत मायने रखती है। अगर भाषा समझने में जरा सी भी गलती हुई तो आपकी जान पर बन सकती है।
ओली बताते हैं, “अगर मुझे हवाई सफर के दौरान एलर्जी हो जाती है तो बहुत से लोग सोचेंगे कि अगर मेरे पास ऐपीपैन (एलर्जी की दवाई) है तो मैं ठीक हो जाऊंगा लेकिन ऐसा नहीं है।” एयरलाइंस चिकित्सा उपकरण और फर्स्ट एड का सामान रखते हैं लेकिन ओली को डर है कि ये हमेशा काफी नहीं होता।
वो कहते हैं, “अगर आप ऐपीपैन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको तुरंत इलाज की जरूरत होती है लेकिन हवाई सफर में ऐसा नहीं हो पाता।” “वो सुरक्षित माहौल नहीं होता। मैं पूरी ट्रिप के दौरान वही खाना खाता हूं जो मुझे लगता है कि सुरक्षित है।”