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‘वसुधैव कुटुंबकम्’ से प्रेरित नवोदय विद्यालय रच रहे नित नए आयाम : केके यादव

नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस समारोह का पोस्टमास्टर जनरल ने किया शुभारंभ

अहमदाबाद : पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय, अहमदाबाद में सोमवार को ‘नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस’ समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश से केंद्रीय सिविल सेवाओं में चयनित प्रथम नवोदयन एवं संप्रति उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने प्राचार्य आर.के. दीक्षित संग दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वागत गीत के बाद छात्र-छात्राओं ने गरबा के साथ-साथ असमिया, मणिपुरी व छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य, अरोबिक्स, वाद्ययंत्र प्रदर्शन और नाटक जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी। नवोदय विद्यालय की प्रगति के विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई, वहीं विद्यार्थियों व अध्यापकों ने अपने अनुभव साझा किये। 350 से ज्यादा नवोदय विद्यार्थी इसमें शामिल हुए। पोस्टमास्टर जनरल ने विद्यार्थियों को वार्षिक खेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया।

अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि 13 अप्रैल, 1986 को दो नवोदय विद्यालयों से आरंभ हुआ नवोदयी सफर आज 661 तक पहुंच चुका है। नवोदय विद्यालय एक सरकारी संस्थान होने के बावजूद उत्कृष्ट शिक्षा व बेहतर परीक्षा परिणामों की वजह से आज शीर्ष पर है। ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ एवं ‘शिक्षार्थ आइए, सेवार्थ जाइए’ की भावना से प्रेरित नवोदय में जाति, संप्रदाय, क्षेत्र से परे सिर्फ राष्ट्रवाद की भावना है। देश भर में नवोदय विद्यालय के 19 लाख से अधिक पुरा विद्यार्थियों का नेटवर्क समाज को नई दिशा देने के लिए तत्पर है। राजनीति, प्रशासन, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सैन्य सेवाओं से लेकर विभिन्न प्रोफेशनल सेवाओं, बिजनेस और सामाजिक सेवाओं में नवोदयन्स पूरे भारत ही नहीं वरन पूरी दुनिया में पहचान बना रहे हैं। ‘हमीं नवोदय हों’ की भावना के साथ आज नवोदय एक ब्रांड बन चुका है।

नवोदय के विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि अध्ययन के साथ-साथ खेलकूद में रूचि व रचनात्मक कौशल भी बहुत जरूरी है। नवोदयन शिक्षक सेवा भाव से कार्य करते हुए भारत के सुनहरे भविष्य को गढ़ने का कार्य कर रहे हैं। युवा आने वाले कल के भविष्य हैं। इनमें आरम्भ से ही अपनी संस्कृति, कला, विरासत, नैतिक मूल्यों के प्रति आग्रह पैदा कर एक श्रेष्ठ नागरिक बनाया जा सकता है। सोशल मीडिया के इस अनियंत्रित दौर में उनमें अध्ययन, मनन, रचनात्मक लेखन और कलात्मक प्रवृत्तियों की आदत न सिर्फ उन्हें नकारात्मकता से दूर रखेगी अपितु उनके मनोमस्तिष्क में अच्छे विचारों का निर्माण भी करेगी। सही दिशा और बेहतर प्रयास के साथ इच्छाशक्ति जितनी मजबूत होगी, उतनी ही तेजी से सफलता कदम चूमेगी।

कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि हमारे व्यक्तित्व और कैरियर के निर्माण में नवोदय का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यदि मैं नवोदय विद्यालय में नहीं रहता तो शायद ही यहाँ तक पहुँच पाता। नवोदय ने हमें सिखाया कि सपने सिर्फ देखे नहीं जाते, उन्हें जिया भी जाता है — संघर्ष, अनुशासन और समर्पण के साथ। नवोदय विद्यालय से निकले लगभग 31 साल हो गए पर अभी भी वही लगाव और अपनत्व बरकरार है। नवोदय ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है, अब ‘पे बैक टू सोसाइटी’ की जरुरत है। भारत के उज्जवल भविष्य का निर्माण करने में नवोदयन्स की अहम भूमिका है। नवोदय परिवार आज भी बेहद संगठित है और लोग एक दूसरे से दिल से जुड़े हैं। सुख-दुःख में एक दूसरे के साथ जिस तरह से खड़े रहते हैं, वह मन में हैरत ही नहीं गर्व भी पैदा करता है।

जवाहर नवोदय विद्यालय, अहमदाबाद के प्राचार्य आर.के. दीक्षित ने बताया कि नवोदय विद्यालय का विजन मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना, गुणात्मक आधुनिक शिक्षा प्रदान करना है, जिसमें सामाजिक मूल्यों, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक कार्यकलाप और शारीरिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण घटकों का समावेश हो। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि जवाहर नवोदय विद्यालय, जीयनपुर, आज़मगढ़ के विद्यार्थी रहे कृष्ण कुमार यादव देश के उन आरंभिक नवोदयी विद्यार्थियों में से हैं, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेज परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही चयनित होकर नवोदयन्स छात्र-छात्राओं को आई.ए.एस. और अन्य सिविल सेवाओं की तरफ प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन कक्षा 12 की छात्रा सौम्या ठाकुर व श्रेया धंधुकियाने, स्वागत संबोधन प्राचार्य आर.के. दीक्षित और आभार ज्ञापन वरिष्ठ शिक्षक ए.एन. चौधरी ने किया। इस अवसर पर सभी विद्यार्थी और अध्यापकगण ने उत्साहजनक भागीदारी की।

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