जानिए शिवलिंग पर कैसे चढ़ाते हैं बिल्व पत्र, क्या है विशेष महत्व
उज्जैन ; महाशिवरात्रि हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भक्त भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। पूरे विधि विधान से उपासना करने वालों को भोले बाबा का आशीर्वाद जरूर मिलता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती के साथ विवाह किया था। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है जो विवाहित हैं या विवाह करना चाहते हैं क्योंकि भगवान शिव उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद देते हैं। उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए भक्त उपवास रखते हैं और पूजा के दौरान दूध, पानी, फूल और बेलपत्र के पत्तों सहित कई चीजें चढ़ाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं, खासकर सावन और महाशिवरात्रि के दिन उनकी पूजा करने पर भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। ये दोनों अवसर हिंदू भक्तों के लिए खास होते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्तों की शिवालयों में दर्शन के लिए भीड़ लगी रहती है। शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाने के लिए भक्त आधी रात से ही बाहर खड़े रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर बेलपत्र के पत्ते क्यों चढ़ाए जाते हैं? भगवान शिव की पूजा में इन पत्तों का विशेष महत्व है क्योंकि यह भोलेनाथ को अति प्रिय है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का भी एक उचित तरीका होता है। इसके अलावा आपको यह भी जानना चाहिए कि हिंदू परंपराओं के अनुसार कितने बेलपत्र के पत्ते चढ़ाने चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर 3 से 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ होता है लेकिन आप इससे ज्यादा भी चढ़ा सकते हैं। अगर आपके पास एक भी बेलपत्र का पत्ता है, तो भी आप शुद्ध मन से उसकी पूजा करेंगे तो भगवान शिव प्रसन्न होंगे। वहीं शीघ्र विवाह के लिए शिवलिंग पर 108 बेलपत्र चढ़ाने चाहिए।
ज्योतिषाचार्य बाबूलाल शर्मा के अनुसार शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र का चिकना भाग शिवलिंग पर बना रहे। वहीं आप चाहें तो ऊपर से बेलपत्र पर चंदन भी लगा सकते हैं। अगर आपके पास बेलपत्र के ज्यादा पत्ते नहीं हैं तो आप एक बार चढ़ाए गए पत्तों को एक बार पानी से धोकर बार-बार चढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही शिवलिंग पर बिना जल चढ़ाए कभी भी बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेलपत्र के पत्ते का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पत्ता कहीं से फटा हुआ न हो और न ही उस पर ज्यादा धारियां हों। जिस बेलपत्र पर धारियां होती हैं उसका पूजा में प्रयोग नहीं करना चाहिए।