मुंबई: आज की जीवनशैली में अनियमित खान-पान और कम शारीरिक श्रम के कारण मधुमेह का खतरा बढ़ गया है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन के अनुसार, 70 से 80 वर्ष की आयु में नियमित रूप से चलने से टाइप -2 मधुमेह का खतरा कम हो जाता है। इस अध्ययन के निष्कर्ष डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
हर दिन एक हजार कदम चलने से 70 से 80 साल के इस आयु वर्ग के लोगों में मधुमेह के खतरे को 6 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।भारत जैसे देश में यह और भी जरूरी हो जाता है जिसे की मधुमेह कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है। विश्व में सबसे ज्यादा मधुमेह के मरीज भारत में ही पाए जाते हैं।
मधुमेह होने पर हमारा अग्न्याशय काम करना बंद कर देता है। अग्न्याशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलिन का उत्पादन करती हैं। जब हम खाना खाते हैं तो ग्लूकोज (चीनी) बनता है। वही शुगर लेवल इस इंसुलिन से नियंत्रित होता है। कभी-कभी ये बीटा कोशिकाएं जो इंसुलिन का उत्पादन करती हैं, कम हो जाती हैं, और फिर, शर्करा का स्तर अनियमित हो जाता है, जिससे मधुमेह हो जाता है।
क्या कहते हैं शोधकर्ता?
एलेक्सिस गार्डुनो के अनुसार, 65 और उससे अधिक उम्र की 4,838 महिलाओं पर शोध किया गया और यह पाया गया कि उनमें से 8% को मधुमेह होने की संभावना थी। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, हर साल 1.5 मिलियन लोगों को मधुमेह का पता चलता है।
मधुमेह के लक्षण :
मधुमेह दो प्रकार के होते हैं: टाइप 1 और टाइप 2। हेल्थलाइन के अनुसार, लक्षण हैं:
- जल्दी पेशाब आना
- बहुत प्यास लगना और बहुत अधिक पानी पीना
- बहुत भूख लग रही है
- बहुत थकान महसूस हो रही है
- धुंधली दृष्टि
- घाव या घाव जो ठीक होने में समय लेते हैं