उत्तराखंड

जाने कैसे मिला उत्तराखंड को जी 20 का आतिथ्य

धाकड धामी के स्नेहिल आग्रह को टाल न सके नरेंद्र मोदी

हमारे लिए यह गर्व का विषय है कि जी-20 का नेतृत्व भारत को और इसके आतिथ्य का अवसर उत्तराखण्ड को मिला
: सीएम पुष्कर सिंह धामी

देहरादून: ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी-20) का 18वां शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित होने जा रहा है। जी-20 के तहत देश भर के 50 से अधिक शहरों में 200 से अधिक कार्यक्रमों की मेजबानी करने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अथक प्रयासों से सम्मेलन के आतिथ्य का सुअवसर उत्तराखण्ड को भी प्राप्त हुआ है। तीन वर्किंग ग्रुप की बैठकें उत्तराखण्ड में होंगी। इनमें से दो बैठकें ऋषिकेश में और एक रामनगर में आयोजित की जाएंगी। इस सम्मेलन के जरिए अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर देवभूमि की परम्परा, संस्कृति, खानपान और रहन सहन को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदेश को मिलेगा। यह सुखद संयोग है कि देवभूमि की संस्कृति के अनुरूप वसुधैव कुटुम्बकम के ध्येय वाक्य और एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के संकल्प के साथ भारत में जी-20 सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।

देवभूमि के पुष्कर और शीर्ष नेतृत्व नरेंद्र मोदी के बीच हैं ग़ज़ब की केमिस्ट्री।
देवभूमि के हित के लिए धामी के सभी अनुरोध स्वीकार कर लेते हैं मोदी।

मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि मौजूदा समय में हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव उत्साह से मना रहा है। इसके साथ ही अनेक उपलब्धियां हमें प्राप्त होती दिख रही हैं। दुनिया आज भारत की ओर उत्साह और उमंग के साथ देख रही है। साथ ही इस बात को मान रही है कि वैश्विक संकट के इस दौर में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एकमात्र ऐसे यशस्वी नेतृत्व हैं, जो दुनिया को संकट से उभार सकते हैं। ये मेरा है और ये तेरा है की भावना कभी भारत की नहीं रही। भारतीय मनीषियों ने हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम के जरिए पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानने की बात कही है। यही भारत की सनातन सोच रही है।

जी-20 दुनिया के वे बीस बड़े देश हैं, जहां विश्व की 60 फीसदी आबादी निवास करती है। 75 प्रतिशत ट्रेड पर उनका अधिकार है। साथ ही 85 प्रतिशत जीडीपी, इनोवेशन, रिसर्च और पेटेंट पर अधिकार है।

आज हमारे लिए ये गर्व का विषय है कि इस जी-20 का नेतृत्व भारत को और इसके आतिथ्य का अवसर उत्तराखण्ड को प्राप्त हुआ है। यह हमारे लिए आनंद का विषय होगा कि आतिथ्य सेवा के साथ-साथ देश ने विकास की जिन नई ऊंचाइयों को छुआ है, उन्हें प्रदर्शित करने का अवसर हमें मिलने जा रहा है।

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