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नाखून का आकार देख कर जानिए व्यक्ति का व्यवहार और स्वभाव…

क्या आप जानते हैं कि आप व्यक्ति के नाखूनों को देखकर भी उसके व्यवहार का पता लगा सकते हैं। जी हाँ, हस्‍तरेखा शास्‍त्र में इसकी जानकारी दी गई हैं जिसकी मदद से नाखून का आकार आपको व्यक्ति का व्यवहार बताएगा। तो आइये जानते हैं कैसे पता करें इसके बारे में।

छोटे और तिकोने नाखून वाले चुराते हैं काम से जी

हस्‍तरेखा शास्‍त्र के मुताबिक अगर क‍िसी के नाखून छोटे और तिकोने हों या फिर ऐसे नाखून जो ऊपर से चौड़ें और नीचे से संकरे हों। उनका व्‍यवहार थोड़ा अलग ही होता है। अमूमन ये काम से जी चुराते हैं। या फिर काम करना ही पड़ जाए तो ये बेहद धीमी गत‍ि से काम करते हैं।

चौड़े नाखून वाले काम के प्रति होते हैं समर्पित

हस्‍तरेखा शास्‍त्र के मुताबिक अगर क‍िसी के नाखून चौड़े हों तो ऐसे व्‍यक्तियों को गुस्‍सा जल्‍दी आता है। लेकिन अपने काम को लेकर ये पूरी तरह से समर्पित होते हैं। ये जिस काम को हाथ में ले लेते हैं, उसे पूरा कर के ही छोड़ते हैं। इन्‍हें अपने कार्यक्षेत्र में क‍िसी का भी अनुचित हस्तक्षेप पसंद नहीं होता है। इन्‍हें भीड़-भाड़ की अपेक्षा एकांत पसंद होता है।

कठोर और संकरे नाखून वाले होते हैं झगड़ालू

हस्‍तरेखा शास्‍त्र के मुताबिक अगर क‍िसी के नाखून कठोर और संकरे हों तो ऐसे व्‍यक्ति झगड़ालू प्रवृत्ति के होते हैं। लेकिन इनकी खास बात यह होती है कि ये जिस बात को एक बार मन में ठान लेते है, उसे पूरा कर के ही छोड़ते हैं। चाहे वह बात गलत हो या सही, इस बात की परवाह किये बिना ये अपनी बात पर अड़े रहते हैं। कहा जाता है कि इनपर सोच-समझकर ही भरोसा करना चाहिए।

चौकोर नाखून वाले होते हैं दब्‍बू

हस्‍तरेखा शास्‍त्र के मुताबिक अगर क‍िसी के नाखून चौकोर हों तो ये व्यक्ति की कमजोरी को प्रकट करते हैं। कहा जाता है कि ऐसे नाखून वाले लोग दब्‍बू प्रवृत्ति के होते हैं। ये कभी क‍िसी भी बात का व‍िरोध नहीं करते। फिर चाहे इनका कितना ही बड़ा नुकसान क्‍यों न हो जाए। इसलिए कई बार इन्‍हें गंभीर परेशान‍ियों का भी सामना करना पड़ता है।

लंबे नाखून वाले होते हैं उत्‍तम व‍िचार के धनी

हस्‍तरेखा शास्‍त्र के मुताबिक जिनके नाखून लंबे होते हैं। वह काफी समझदार प्रवृत्ति के होते हैं। साथ ही ऐसे व्यक्ति उत्तम विचारों वाले, मानवीय प्रवृत्तियों वाले तथा निरंतर आगे की ओर बढ़ते रहने की भावना रखने वाले होते हैं। ये न केवल खुद को आगे बढ़ाने के बारे में सोचते हैं बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी आगे बढ़ाने के भरसक प्रयत्‍न करते हैं। यही वजह है कि इन्‍हें समाज में व‍िशेष स्‍थान प्राप्‍त होता है।

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