गणेशोत्सव पर जानें पूजा-अनुष्ठान के नियम, सुख-समृद्धि का मिलेगा आशीर्वाद
नई दिल्ली : इस साल 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन भक्त गणेशजी की प्रतिमा अपने घर या पूजा पंडाल (puja pandal) में स्थापित करेंगे और लगातार 10 दिनों तक बड़े हर्षोल्लास के साथ गणेशोत्सव मनाएंगे।
हिंदू धर्म में बड़े धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस बुद्धि-विवेक के देवता भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी के दिन घर या पूजा पंडाल में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित की जाती है और 10 दिनों तक उनकी विधिविधान से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है। चलिए साल 2023 में गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पुजा-अनुष्ठान की प्रक्रिया जानते हैं।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त: साल 2023 में 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी और 29 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की प्रतिमा विसर्जित की जाएगी। वैदिक पंचाग के अनुसार, विनायक चतुर्थी की शुरुआत 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर होगी और 19 सितंबर को दोपहर 8 बजकर 43 मिनट पर गणेश चतुर्थी समाप्त होगी।
प्राण-प्रतिष्ठा: गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले गणेशजी की मूर्ति के सामने दीप प्रज्जवलित किया जाता है। संकल्प लिया जाता है और उसके बाद गणेश जी के आह्वान के लिए मंत्रों का जाप किया जाता है। इसके बाद पंडाल या घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है।
षोडशोपचार: गणपति बप्पा को 16 प्रकार का भोग लगाया जाता है। इस परंपरा में सबसे पहले गणेश जी के चरणों को जल से धुला जाता है। उन्हें पंचामृत से स्नान कराया जाता है। गणेश जी को चंदन का टीका लगाया जाता। इसके बाद उन्हें फल, फूल, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित किया जाता है।
गणेश विसर्जन: अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है और उनकी विदाई की जाती है। घर की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए हर साल बप्पा के भक्त गणेशजी की प्रतिमा को घर लाते हैं और बड़े धूमधाम से उनका जन्मोत्सव मनाते हैं।