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जाने जया एकादशी 2022 की पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

नई दिल्ली :माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी (Jaya Ekadashi) व्रत रखा जाता है। इस साल यह तिथि 12 फरवरी 2022 (शनिवार) को है। मान्यता है कि जया एकादशी (Jaya Ekadashi) के दिन विधि-विधान से पूजा व व्रत रखने भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) अपनी कृपा बरसाती हैं और समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। जया एकादशी (Jaya Ekadashi) के विषय में जो कथा प्रचलित है उसके अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर भगवान श्री कृष्ण से निवेदन करते हैं कि माघ शुक्ल एकादशी को किनकी पूजा करनी चाहिए तथा इस एकादशी का क्या महात्मय है। श्री कृष्ण कहते हैं ‘जया एकादशी’ (Jaya Ekadashi) बहुत ही पुण्यदायी है, इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। श्री कृष्ण (Shri Krishna) ने इस संदर्भ में एक कथा भी युधिष्ठिर को सुनाई।

जया एकादशी व्रत पूजा विधि (Jaya Ekadashi 2022)
जया एकादशी (Jaya Ekadashi) वाले दिन व्रत रखने वाले को सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान करना चाहिए।
फिर पूजा स्थल को साफ करना चाहिए। अब भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की मूर्ति, प्रतिमा या उनके चित्र को स्थापित करना चाहिए।
इस दिन भक्तों को विधि-विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए।
पूजा के दौरान भगवान कृष्ण के भजन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।
प्रसाद, तुलसी जल, फल, नारियल, अगरबत्ती और फूल देवताओं को अर्पित करने चाहिए।
पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए।
अगली सुबह यानि द्वादशी पर पूजा के बाद भोजन का सेवन करने के बाद जया एकादशी व्रत का पारण करना चाहिए।

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