नई दिल्ली: आप लोग लंबे समय से सुनते आ रहे होंगे कि ज़्यादा मात्रा में पानी पीना आवश्यक है। लेकिन हम आप को बता दे ,की पानी शारीरिक तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। हमारे शरीर में 60 प्रतिशत पानी होता है, यह तरल पदार्थ पाचन, अवशोषण, पोषक तत्व पहुंचाने और शरीर के तापमान को ठीक बनाए रखने में मदद करता है। हम जानते हैं कि कम पानी से शरीर थका हुआ और डी-हाइड्रेटड हो जाता है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है जरूरत से ज़्यादा पानी पीने से क्या होगा एक अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ पैनल के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, हाइपोनैट्रिमया (ईएएच) (ब्लड में सोडियम की कमी) से बचने के लिए पानी का सेवन सिर्फ तभी करें, जब आपको प्यास लगी हो। यह दिशा-निर्देश ‘क्लिनीकल जरनल ऑफ स्पोर्ट मेडिसिन में छपे थे।
जरूरत से ज़्यादा पानी पीना हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है।किडनी की अतिरिक्त पानी पचाने की क्षमता कमजोर होने लगती है और शरीर में मौजूद सोडियम पतला होने लगता है।इससे कोशिकाओं में सूजन आने लगती है, जो कि जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।प्यास लगने के पीछे स्वभाविक-सी रणनीति कार्य करती है कि ज़्यादा पानी पीने की सीमा होनी चाहिए और ज़्यादा डी-हाइड्रेशन से बचने के लिए, जब पर्याप्त तरल पदार्थ दिए जाते हैं तो उससे हाइपोनैट्रिमया का विकास होता है।
ईएएच के शुरूआती लक्ष्ण हैं चक्कर आना, उबकाई, सूजन और एथलेटिक इवेंट के दौरान वजन बढ़ना। समस्या बढ़ा जाने पर ईएएच के दौरान उल्टी, सिर दर्द, मानसिक स्थिती का बदलना भ्रम, उत्तेजक और बेहोशी) और कोमा जैसे लक्ष्ण देखने को मिलते हैं।कठिन प्रतियोगिता जैसे मैरेथॉन, ट्रायथलॉन, स्विंमींग, रेस और सैन्य अभ्यास के दौरान ईएएच हो सकता है।नई दिल्ली कि वेलनेस और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट, डॉ. शिखा शर्मा का कहना है कि, बहुत ज़्यादा पानी का सेवन किडनी के अनुचित तरीके से कार्य करने को दर्शाता है। जरूरत से ज़्यादा पानी पीने से हृदय की मांसपेशियों पर अनावश्यक भार और रक्त प्रवाह कम होने जैसी समस्या हो सकती हैं।विंगर का कहना है कि, सामान्य से मध्यम स्तर तक का डी-हाइड्रेशन सहनीय होता है।
बिना प्रदर्शन में कमी, एक एथलिट प्रतियोगिता के दौरान अपने बॉडी से तकरीबन तीन प्रतिशत तक वजन कम कर लेता है।बेंग्लूर स्थित न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ. अंजू सूद सलाह देती हैं कि, एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन आठ ग्लास पानी पीना चाहिए। गर्मियों में पानी की खपत बढ़ा देनी चाहिए। जो लोग हाई-फाइबर डाइट पर होते हैं, उनको सारा दिन में आठ ग्लास से ज़्यादा पानी पीना चाहिए।